नई दिल्ली, 26 मई (ए)। ऐलोपैथी की आलोचना को लेकर बुरी तरह घिरे योगगुरु बाबा रामदेव ने अपना बयान भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) की नाराजगी खत्म नहीं हुई है। बाबा रामदेव पर 1 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का केस करने के बाद अब पीएम मोदी से भी शिकायत की गई है। आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि रामदेव को झूठी जानकारियां फैलाने से रोका जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।
आईएमए ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा, ”पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण पर गलत सूचनाओं के प्रचार को रोकना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि 10 हजार डॉक्टर और लाखो लोग दोनों डोज के बावजूद मर चुके हैं। उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”
आईएमए ने कहा है, ”हम स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर या नेशनल टास्क फोर्स की ओर से जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत अस्पतालों में आने वाले लाखों लोगों का इलाज कर रहे हैं। यदि कोई यह दावा करता है कि ऐलोपैथिक दवाओं की वजह से लोग मरे हैं तो यह मंत्रालय को चुनौती है जो हमें इलाज का प्रोटोकॉल देता है।”
लेटर में आगे कहा गया है पहली लहर में 753 डॉक्टरों ने फ्रंटलाइन में काम करते हुए अपनी जान गंवाई, जबकि दूसरी लहर में 513 डॉक्टरों की जान गई। पहली लहर जान गंवाने वाले किसी डॉक्टर का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि दूसरी लहर में भी जिन डॉक्टरों की मौत हुई, उनमें से अधिकतर का विभिन्न कारणों से टीकाकरण नहीं हुआ था। अब कहा जा रहा है कि दोनों डोज टीका लेने के बाद 10 हजार लोगों की मौत हुई, यह जानबूझकर टीकाकरण को बाधित करने का प्रयास है। इसे तुरंत रोका जाए।
आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि जो लोग टीकाकरण पर डर फैला रहे हैं और अपनी कंपनी के उत्पादों के हित में सरकार की ओर से जारी इलाज के प्रोटोकॉल को चुनौती दे रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। यह देशद्रोह का मामला है और ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी देरी के देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।योगगुरु बाबा रामदेव इनदिनों अपने बयानों की वजह से एक बार फिर चर्चा में हैं। बाबा को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तरफ से मानहानि का नोटिस भेजने की खबर अभी आई ही थी कि उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर सके। रामदेव कहते हैं कि उन्हें बदनाम करने के लिए कई तरह के ट्रेंड सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की किसी घटना से उन्हें कोई प्रभाव नही पड़ता। यह वीडियो कब का है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।