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छात्रा से दुष्कर्म के मामले में जैन मुनि को 10 साल की सजा

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सूरत: पांच अप्रैल (ए) गुजरात के सूरत शहर की एक सत्र अदालत ने जैन दिगंबर संप्रदाय के एक मुनि को 19 वर्षीय युवती से दुष्कर्म के मामले में शनिवार को दस साल जेल की सजा सुनाई। यह मामला सात वर्ष पुराना है।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के. शाह ने कॉलेज छात्रा से दुष्कर्म का दोषी पाए जाने के एक दिन बाद शांतिसागरजी महाराज (56) को 10 साल की सजा सुनाई और उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।सरकारी वकील नयन सुखदवाला ने बताया कि अदालत ने शांतिसागरजी महाराज को दोषी ठहराते हुए युवती और अभियोजन पक्ष के अन्य गवाहों के अलावा मेडिकल रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज की गवाही पर विचार किया। महिला की शिकायत के अनुसार, घटना अक्टूबर 2017 में जैन धर्मशाला में हुई थी।एक अक्टूबर 2017 को युवती, उसके पिता और बड़े भाई वडोदरा से यात्रा कर महावीर दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे। उसके पिता उसके शिष्य थे। वे जैन धर्मशाला गए, जहां शांतिसागरजी महाराज रहता था। शांतिसागरजी महाराज ने युवती के पिता और भाई को अलग-अलग कमरों में भेज दिया। कुछ अनुष्ठान किए और उनसे कहा कि जब तक वह अनुमति न दें, वे बाहर न आएं।इसके बाद वह उस कमरे में गया, जहां युवती अकेली थी। वहां उससे दुष्कर्म किया। साथ ही कहा कि जब भी वह उसे बुलाए मिलना पड़ेगा। सुखदवाला ने कहा कि शांतिसागर अक्टूबर 2017 से जेल में है, इसलिए उसे केवल शेष ढाई साल जेल की सजा काटनी होगी। अभियोजन पक्ष ने आजीवन कारावास की मांग की थी।

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