रांची: 17 फरवरी (ए) झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार में कांग्रेस के चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर पार्टी विधायकों के एक वर्ग में भारी असंतोष है।
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर पार्टी के कोटे के मंत्रियों को बदला नहीं गया तो वे 23 फरवरी से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे और जयपुर चले जाएंगे।झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री बनाए जाने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायकों ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले रांची के सर्किट हाउस में हंगामा किया था। उन्होंने समारोह का बहिष्कार करने की योजना बनाई थी।
हालांकि, झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मनाने पर विधायक समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे।
विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम मौजूदा चारों मंत्रियों को बदलना चाहते हैं…चार मंत्रियों और प्रदीप यादव को छोड़कर हम सभी 12 विधायक एक साथ हैं। हम चार मंत्रियों को बदलने की मांग पर नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि प्रत्येक संभाग से एक मंत्री बनाया जाए और राज्य के सभी पांच संभागों को कवर किया जाए। हम राहुल गांधी द्वारा बनाए गए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के नियम को भी लागू करना चाहते हैं।’’
बेरमो से विधायक जयमंगल ने कहा कि अगर पार्टी का राज्य और केंद्रीय नेतृत्व मामले में फैसला नहीं करता तो वे राजस्थान की राजधानी के लिए उड़ान भरने और झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के 17 और झामुमो के 29 विधायक हैं। झामुमो पहले ही मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का पद ले चुका है। उनके पास छह मंत्री पद हैं और हम एक और मंत्री पद चाहते हैं। हम उस पर कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। अगर आलमगीर आलम को बरकरार रखा जाता है तो उन्हें कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद छोड़ देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि 12 विधायकों का समूह पहले ही इस मामले पर पार्टी प्रमुख को एक हस्ताक्षरित पत्र सौंप चुका है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महागामा से विधायक दीपिका पांडे सिंह ने ‘ कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि पार्टी मंत्रियों को बदले और नए चेहरों को मौका दे। अधिक महिला चेहरों को जोड़ने के बजाय, उन्होंने एक महिला मंत्री को बरकरार रखा है… आप इसे कैसे उचित ठहराएंगे।’’
पिछली हेमंत सोरेन सरकार में आबकारी मंत्री बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया गया है। देवी ने अपने पति जगन्नाथ महतो की मृत्यु के बाद वर्ष 2023 में डुमरी उपचुनाव लड़ा था।मंदार कांग्रेस मेला कलाकार नेहा तिर्की ने भी अपना असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने ‘ कहा, ‘‘पिछले चार वर्षों के दौरान, हमें दिए गए कोटा पर बहुत अस्वीकृति और निराशा हुई… चूंकि अचानक अवसर आया था और चंपई सोरेन जी के तहत एक नया मंत्रिमंडल बन रहा था, सभी को उम्मीद थी कि फेरबदल होगा।’’
तिर्की ने कहा, ‘‘ प्रारंभ में, शपथ ग्रहण समारोह आठ फरवरी को निर्धारित किया गया था। जब इसे स्थगित कर दिया गया, तो हमें आश्वासन दिया गया कि फेरबदल होगा। लेकिन यह बहुत निराशाजनक था जब हमने देखा कि कोई बदलाव नहीं हुआ और जो लोग खुले तौर पर भाजपा की प्रशंसा कर रहे थे उन्हें बरकरार रखा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ नए चेहरों को मौका क्यों नहीं दिया गया… इसीलिए पूरी बगावत है… हम शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करना चाहते थे, लेकिन हमारे प्रदेश प्रभारी ने वादा किया कि इस पर दिल्ली में सकारात्मक चर्चा होगी… यह दो या चार विधायकों के बारे में नहीं है…यह 12 विधायक हैं जो एक साथ आवाज उठा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप किसी को भी नियुक्त करें… आप समुदाय-वार, क्षेत्र-वार नियुक्त करें… हम सिर्फ नए चेहरे चाहते हैं… हम ऐसे चेहरे चाहते हैं जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। इन मंत्रियों ने पिछले चार वर्षों में कुछ नहीं किया, अब क्या गारंटी है कि वे कुछ करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने भरोसा दिया है कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने के.सी.वेणुगोपाल से स्पष्ट कर दिया है कि हम इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करना चाहते हैं।’’
तिर्की ने कहा कि अधिकतर कांग्रेस विधायकों की आपत्ति बन्ना गुप्ता के नाम पर थी। हाल में वह तब विवाद में आ गए थे जब भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने उनका कथित वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वह एक महिला से फोन पर ‘अश्लील’ बातचीत करते नजर आ रहे थे। गुप्ता ने वीडियो को ‘फर्जी और संपादित’ करार दिया था।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 12 कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार किया जा रहा है।
ठाकु ने कहा, ‘‘ उन्होंने मुझसे अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं और मैं इसे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाऊंगा। केंद्रीय नेतृत्व जो निर्णय लेगा, वह सभी को मान्य होगा। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इसका समाधान निकाल लेंगे।’’
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम का नाम शुक्रवार को कथित तौर पर आखिरी समय में मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों की सूची से हटा दिया गया। राम ने कहा कि इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर आगामी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ेंगे।
राम ने दावा किया, ‘‘सब कुछ तय हो गया था और मेरा नाम मंत्री पद की शपथ लेने वालों की सूची में शामिल था। लेकिन, आखिरी वक्त पर मेरा नाम हटा दिया गया, यह अपमान है। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में मेरा नाम हटाया गया।’’ राम के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने दो दिनों में इस मामले को सुलझाने का भरोसा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री आज दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था।
विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू) के तीन विधायक हैं। इनके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के एक-एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक हैं। एक मनोनीत सदस्य भी है