केजरीवाल का पुजारी, ग्रंथी को 18 हजार रुपये देने का वादा, भाजपा ने बताया ‘राजनीतिक स्टंट’

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 30 दिसंबर (ए) आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है, तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा इस पर विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी।केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया उनकी उपस्थिति में क्नॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में शुरू होगी।

भाजपा ने इस घोषणा को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया, जबकि कांग्रेस ने इसे केजरीवाल की “चालबाजी” करार देते हुए कहा कि शहर की मस्जिदों के इमाम उनके आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और कथित तौर पर 17 महीने से लंबित अपने वेतन के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा, “पुजारी और ग्रंथी हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन उनकी अक्सर उपेक्षा की जाती है। देश में पहली बार, हम उन्हें समर्थन देने के लिए एक योजना शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत उन्हें 18,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि योजना के लिये मंगलवार से पंजीकरण शुरू होगा।

उन्होंने हालांकि पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देशों और इसके लिए पात्रता मानदंडों के बारे में विस्तार से नहीं बताया। दिल्ली में पंजीकृत मंदिर पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रंथियों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं है।

योजना के संभावित लाभार्थियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, “पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनकी संख्या पता चलेगी।” उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।

केजरीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इस योजना में बाधा डालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह “पाप” होगा।

घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में केजरीवाल ने कहा, “भाजपा ने पुलिस भेजकर महिला सम्मान योजना को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई। उन्हें ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान’ योजना को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने पर भाजपा को बहुत बड़ा पाप लगेगा।”

उन्होंने कहा, “यह योजना समाज में उनके (पुजारियों एवं ग्रंथियों के) आध्यात्मिक योगदान और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के उनके प्रयासों का सम्मान है।”

आप ने एक बयान में कहा कि घोषणा के बाद कई पुजारी और ग्रंथी केजरीवाल को आशीर्वाद देने के लिए उनके आवास पर पहुंचे।

इस बीच, वक्फ बोर्ड से पंजीकृत मस्जिदों के कई इमामों और मुअज्जिनों ने केजरीवाल के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया और कथित तौर पर पिछले 17 महीनों से लंबित अपने वेतन की मांग की। आप सरकार दिल्ली वक्फ बोर्ड में पंजीकृत मस्जिदों के इमामों को 18,000 रुपये और मुअज्जिनों को 16,000 रुपये मासिक वेतन देती है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के आवास के बाहर इमामों का प्रदर्शन उनकी ‘चालबाजी’ को उजागर करता है। केजरीवाल ने मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए 18,000 रुपये देने की घोषणा की है।उन्होंने आरोप लगाया, “केजरीवाल आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए विभिन्न मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करके अपनी दागदार छवि को चमकाने और अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए हताशापूर्ण प्रयास कर रहे हैं।”

भाजपा ने केजरीवाल की ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ को ‘‘राजनीतिक स्टंट’’ करार दिया और दावा किया कि किसी को एक भी रुपया नहीं मिलेगा क्योंकि ऐसे पुजारियों का कोई आंकड़ा नहीं है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल अब एक ‘‘पराजित और हताश’’ नेता हैं जो सत्ता में बने रहने के लिए रोजाना लोकलुभावन घोषणाएं कर रहे हैं।

पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पिछले 10 साल से केजरीवाल को ईश्वर और वाहेगुरु की याद नहीं आई, अब वह हार के डर से उन्हें याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को केवल मस्जिद के मौलवी याद आते थे और उन्हें केवल एक धर्म और एक वोट बैंक दिखता था।

वर्मा ने कहा कि पिछले 10 साल से केजरीवाल दिल्ली की जनता के कर के पैसे से हर महीने मौलवियों और उनके सहायकों को वेतन देते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अब तक आप सरकार ने मस्जिदों के मौलवियों और उनके सहयोगियों को करीब 100 करोड़ रुपये दिए हैं।

वर्मा ने कहा कि चूंकि चुनाव की घोषणा होने वाली है, इसलिए केजरीवाल को गुरुद्वारों, मंदिरों के पुजारियों की याद आ गई है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने केजरीवाल द्वारा घोषित योजना की सराहना करते हुए इसे पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मानित करने का एक कदम बताया, जो पीढ़ियों से संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित और आगे बढ़ा रहे हैं।