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केरल भूस्खलन: मृतकों की संख्या 167 हुई, 219 घायल

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वायनाड (केरल): 31 जुलाई (ए) केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।बचाव दल ने तलाशी अभियान के दूसरे दिन मलबे में फंसे लोगों को खोजने के प्रयास तेज कर दिए हैं।वायनाड जिला प्रशासन ने इस आपदा में 167 लोगों की मौत होने की पुष्टि की।

जिला प्रशासन ने कहा कि 167 मृतकों में 22 बच्चे भी शामिल हैं।

इसने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 219 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनमें से 78 का इलाज अभी भी जारी है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन कहा, ‘‘वायनाड में बचाव अभियान जारी है। हमने अपनी धरती पर पहले कभी ऐसे भयानक दृश्य नहीं देखे हैं।’’इससे पहले, विजयन ने तिरुवंनतपुरम में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों से 144 शव बरामद किए गए हैं जिनमें 79 पुरुष और 64 महिलाएं शामिल हैं।

मुख्यमंत्री विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आपदा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।

विजयन ने कहा कि जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में दृश्य भयानक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये दोनों इलाके पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि आपदा क्षेत्र से अधिक से अधिक लोगों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दो दिन के बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। समन्वित और व्यापक प्रयासों के तहत इतने कम समय में अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सका है।’’

विजयन ने बताया कि पहले चरण में आपदा के निकटवर्ती क्षेत्रों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इनमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं।’’

भूस्खलन के बाद जारी बचाव अभियान के परिणामस्वरूप फंसे हुए 1,386 लोगों और अपने घरों में फंसे लोगों को बचाया गया।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों और गर्भवती महिलाओं समेत 8,017 लोगों को जिले में 82 शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेप्पडी में आठ शिविर हैं, जहां फिलहाल 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं।’’

इस बीच थलसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।

रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, क्षेत्र में तैनात सेना की टुकड़ियों ने मंगलवार रात तक प्रभावित क्षेत्रों से लगभग एक हजार लोगों को बचाया।

इसके अलावा, वायुसेना तलाशी और बचाव कार्यों में समन्वय के लिए प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रही है।सेना के जवान, एनडीआरएफ, राज्य आपात सेवा के जवान और स्थानीय लोगों समेत बचावकर्मी, कई इलाकों में बारिश जारी रहने के बावजूद इस कठिन अभियान को अंजाम देने के लिए सभी बाधाओं से जूझ रहे हैं।

भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को जान बचाने का मौका तक नहीं मिल सका।

बुधवार सुबह भूस्खलन से तबाह मुंडक्कई गांव में बचाव अभियान फिर से शुरू होने पर जमींदोज हुए मकानों के अंदर बैठे और लेटी हुई अवस्था में शवों के भयावह दृश्य देखने को मिले।

कुछ स्थानों पर बचावकर्मियों ने लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने के लिए रस्सियों का उपयोग करके पुल बनाए। जोखिम भरे इलाकों में लोगों को लकड़ी के प्लेटफार्म पर बैठाकर उफान पर आई नदी के पार पहुंचाया गया।

केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बचाव प्रयासों के लिए राज्य को हरसंभव सहायता देने का वादा किया है।

कुरियन ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।

बुधवार को यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में कुरियन के हवाले से कहा गया, ‘‘केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। प्रधानमंत्री स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उन्होंने मुझे प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए भेजा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय के दोनों नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य को हरसंभव सहायता मुहैया करा रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सेना वायनाड के चूरलमाला में बचाव कार्यों के लिए एक बेली पुल का निर्माण करेगी।

केरल सरकार ने वायनाड में आपदाग्रस्त इलाकों से बचाए गए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिए चूरलमाला में नियंत्रण कक्ष में ऑक्सीजन से लैस एम्बुलेंस के साथ एक चिकित्सा केंद्र बनाने का फैसला किया है।

वायनाड में मंगलवार तड़के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में मूसलाधार बारिश के बाद बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं

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