लखीमपुर खीरी,11दिसम्बर (ए)। यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य गवाह प्रभजोत सिंह और उसके छोटे भाई सर्वजीत सिंह पर शनिवार रात धारदार हथियार से हमला किया गया। हमले में सर्वजीत के सिर पर गंभीर घाव हुआ है, वहीं प्रभजोत सिंह इस हमले में बाल-बाल बच गए. हमले का आरोप आशीष मिश्रा उर्फ मोनू और उनके करीबियों पर है. हमले को लेकर प्रभजोत सिंह ने कहा कि वह अपने भाई सर्वजीत के साथ तिकुनिया में मुंडन कार्यक्रम में गए हुए थे, तभी मौके पर घात लगाए बैठे तीन लोगों ने पीछे से तलवार से हमला किया. इस हमले में सर्वजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया है. उसके सिर में कई टांके आए हैं. प्रभजोत सिंह का दावा है कि हमला लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के करीबियों ने किया है. प्रभजोत ने हमले की शिकायत तिकुनिया थाने में की है. इसमें आशीष मिश्रा का भी नाम लिखाया है. प्रभजोत का कहना है कि पुलिस हम पर आशीष मिश्रा का नाम हटाने का दबाव बना रही है. साथ ही पुलिस खुद पर भी दबाव होने की बात कह रही है, लेकिन मैं अपनी शिकायत से आशीष मिश्रा का नाम नहीं हटाऊंगा, जो सच है वही लिखाएंगे. वहीं, युवक पर तलवार से हमले के इस मामले पर लखीमपुर खीरी एसपी संजीव सुमन का कहना है कि यह साफ तौर पर दो गुटों के बीच आपसी रंजिश का मामला है. इस घटना का लखीमपुर खीरी कांड से कोई लेना-देना नहीं है. तिकुनिया थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई है. घायल का इलाज भी कराया गया है. मामले की जांच की जा रही है. 6 दिसंबर को ही लखीमपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय किए हैं. आशीष पर आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा में आरोप तय हुए हैं. अब इस मामले में 16 दिसंबर से ट्रायल शुरू होगा और उसी दिन से वादी मुकदमा की गवाही शुरू हो जाएगी. अगर, आरोप साबित होते हैं तो कोर्ट में आशीष पर दोष सिद्ध होता है तो धाराओं के आधार पर सजा सुनाएगी. गौरतलब है कि लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था. घटना में चार किसान की मौत हो गई थी. हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान गई थी. यहां तीन कृषि कानून के विरोध में किसान धरना देने और मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जुटे थे. जबकि पास के गांव में दंगल कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री अजय मिश्रा की मौजूदगी थी. इस घटना में कई किसानों की मौत हो गई थी. कुछ घायल हुए थे. मंत्री पुत्र की कार के ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था।