पटना, 27 अक्टूबर (ए) राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को सोनिया गांधी से फोन पर बात करने का दावा करते हुए कांग्रेस के प्रति नरम रुख के संकेत दिए।
तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को होने जा रहे उपचुनाव के लिए राजद उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के वास्ते आज पटना से रवाना होने से पहले लालू ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी जी से कल बात हुई थी। उन्होंने मेरा हालचाल पूछा। मैंने उनसे कहा कि मैं ठीक हूं।’’
लालू ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (गांधी) यह भी कहा कि आपकी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। बड़ा दल (कांग्रेस) है। मैंने उनसे कहा कि सभी समान विचारधारा वाले दलों को एकत्र करके एक विकल्प (भाजपा का) बनाने के लिए बैठक बुलाएं।’’
बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस सहित अन्य घटक दलों से विमर्श किए बिना राजद द्वारा इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए जाने की घोषणा से नाराज कांग्रेस द्वारा भी इन सीटों के लिए अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा किए जाने और इसके बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के इस ऐलान से दोनों दलों में तल्खी बढ़ गई थी कि कांग्रेस अगले आम चुनाव में बिहार में सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बाद में, लालू ने करीब छह साल बाद तारापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाला महागठबंधन पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में हुई ‘‘बेईमानी’’ के कारण बहुमत से पीछे रह गया था और अगर वह बाहर होते तो ऐसा करने की किसी की हिम्मत नहीं की होती।
उल्लेखनीय है कि लालू राज्य में विधासभा चुनाव के दौरान चारा घोटाले में सजा काट रहे थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गोली मरवाने संबंधी बयान पर कहा, ‘‘मुझे उन्हें मारने की ज़रूरत क्यों है। मैंने कहा है कि मैं उनका विसर्जन (राजनीतिक) पूरा करने आया हूं। वह अपने ही कर्मों के कारण समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने हमें धोखा दिया और भाजपा का साथ दिया जबकि राजद ने उन्हें 2015 में सत्ता में लौटने में मदद की थी। उनका शराबबंदी कानून एक दिखावा है।’’
नीतीश ने लालू के विसर्जन संबंधी बयान पर मंगलवार को कहा था कि ‘‘बेहतर होगा कि वह (लालू) मुझे गोली मरवा दें।’’
पूर्व रेल मंत्री ने देश में मंहगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज लोगों को प्लैटफॉर्म टिकट खरीदने के लिए 50 रुपये खर्च करने होंगे जो ‘‘मेरे समय में अकल्पनीय था।’’
लालू कुशेश्वरस्थान में एक रैली के साथ उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत करने वाले हैं जो एक आरक्षित सीट है। यह सीट राजद और कांग्रेस के बीच विवाद का कारण बनी।
पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कुशेश्वरस्थान सीट जदयू से मामूली अंतर से हार गई थी और उसे यह सीट इस उपचुनाव में भी गठबंधन के बीच साझेदारी के तहत फिर से मिलने की उम्मीद थी।