लखनऊ-वाराणसी , पांच जून (ए) । वाराणसी की एक अदालत ने 30 साल से भी अधिक समय पहले हुई कांग्रेस नेता के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
एक वकील ने वाराणसी अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि एमपी-एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम ने मामले में अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई।.कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की तीन अगस्त 1991 को उनके लहुराबीर आवास के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में मुख्तार अंसारी व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ।अजय राय अब अपनी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के क्षेत्रीय प्रमुख हैं। अजय राय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘यह हमारे कई वर्षों के इंतजार का अंत है, मैंने, मेरे माता-पिता, मेरे भाई की बेटी और पूरे परिवार ने सब्र रखा था और हम मुख्तार अंसारी के आगे नहीं झुके। सरकारें आयीं और गईं और मुख्तार ने खुद को मजबूत किया। लेकिन हमने हार नहीं मानी। आज अदालत ने मुख्तार को मेरे भाई की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है।’’
राय ने कहा,‘‘मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। जो माफिया के खिलाफ खड़े होंगे और लड़ेंगे उन्हें न्याय मिलेगा। हमें धमकियां मिली थीं। मैं सुरक्षा की मांग कर रहा हूं और इसे बढ़ाया जाना चाहिए। अगर मुझे कुछ होता है, तो भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी।’’
मुख्तार के वकील ने फैसला सुनाते समय दोषी की उम्र पर विचार करने के लिए अदालत से आग्रह किया। एक सवाल के जवाब में मुख्तार के वकील ने कहा कि फैसले को पढ़ने के बाद वे ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।
मुख्तार के वकील के जवाब के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय तक लड़ेंगे। जब हम 32 साल तक लड़ सकते हैं, तो हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’’ सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत की कार्यवाही में शामिल हुआ।
अजय राय और उनके भाई घर वाराणसी स्थित अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे, तभी मुख्तार अंसारी सहित कुछ हमलावर वहां एक कार से पहुंचे और अवधेश को गोली मार दी। अजय राय ने जवाबी कार्रवाई में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चला थी, जिसके बाद हमलावर कार छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद अवधेश को कबीरचौरा के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब हैं कि मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुका है।
मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उसकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को विधायक चुना गया था।
गाजीपुर की एक अदालत ने 29 अप्रैल को तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज 2007 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल और उसके भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की जेल की सजा सुनाई थी।
मुख्तार अंसारी को 29 अप्रैल को दोषी ठहराए जाने के बाद विशेष महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘मुख्तार और अफजाल अंसारी के खिलाफ दर्ज 61 मामलों में से 20 मामलों की सुनवाई राज्य की विभिन्न अदालतों में चल रही है।’’