नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए 10 और दिन का समय दिया है। इन याचिकाओं में शिवसेना के दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया है।.
उच्चतम न्यायालय ने पहले विधानसभा अध्यक्ष से अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक फैसला करने को कहा था। न्यायालय ने अब इस अवधि को बढ़ाकर 10 जनवरी तक कर दिया है।.
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि कार्यवाही 20 दिसंबर को बंद कर दी जाएगी और अध्यक्ष ने समय बढ़ाने का अनुरोध किया था। पहले निर्धारित समय सीमा को ध्यान में रखते हुए, हम अध्यक्ष को निर्णय सुनाने के लिए 10 जनवरी, 2023 तक का समय देते हैं।’’
उच्चतम न्यायालय शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार गुट द्वारा दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में कुछ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर शीघ्र निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने 18 सितंबर को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समय-सीमा बतायें।
शिवसेना के शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने जून, 2022 में महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया था।