गोपेश्वर: 11 दिसंबर (ए) चमोली की एक जिला अदालत ने दस साल की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति को बुधवार को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
चमोली के विशेष जिला सत्र न्यायाधीश बिन्ध्याचल सिंह ने आरोपी पिता को पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत ने बताया कि अदालत ने जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया है।उन्होंने बताया कि पॉक्सो अधिनियम के नियम 9 व धारा 33(8) एंव उत्तराखंड में अपराध से पीड़ित सहायता योजना 2013 के प्रावधान के तहत राज्य सरकार को पीड़िता को तीन लाख रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश भी दिया गया है और यह भुगतान निर्णय की तिथि से 30 दिन के अंदर करना होगा।
पंत ने बताया कि मामला दो साल पहले का है जब पीड़िता और उसका परिवार जोशीमठ तहसील में किराये के कमरे में रहता था।
उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां के गांव जाने के दौरान पिता ने बेटी से दुष्कर्म किया और तीन दिन बाद गांव गई पीड़िता के गुमसुम रहने पर उसकी मां ने उससे कारण पूछा तो घटना के बारे में पता चला
उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां ने पिता से पूछताछ की तो वह उसे मारने लगा ।
पंत ने बताया कि सितंबर 2022 में पिता के विरुद्ध जोशीमठ थाने में मामला दर्ज कराया गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा पेश किए गए तथ्यों को सही पाते हुए न्यायालय ने पिता को दोषी ठहराया है।