भोपाल: आठ जुलाई (ए) कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में आए नेता रामनिवास रावत ने सोमवार को मध्यप्रदेश के काबीना मंत्री के रूप में शपथ ली। सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह पद संभालने के लगभग सात महीने बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया।
एक अधिकारी के मुताबिक, रावत को दो बार शपथ लेनी पड़ी क्योंकि पहली बार उन्होंने शपथ लेते वक्त “राज्य के मंत्री” (काबीना मंत्री) के बजाय गलती से “राज्य मंत्री” पढ़ दिया था।
शब्दों की इस गफलत से मीडिया कर्मियों में भी कुछ वक्त के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
अधिकारी ने बताया, ‘‘जब संबंधित अधिकारियों को इस गफलत की जानकारी मिली, तो निर्णय लिया गया कि रावत को दोबारा शपथ लेनी चाहिए।’’
रावत के शपथ ग्रहण का प्रारंभिक समारोह राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित किया गया था, जबकि बाद में यही कार्यक्रम ‘‘गवर्नर हाउस’’ के दरबार हॉल में संपन्न हुआ।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मुख्यमंत्री यादव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दरबार हॉल में रावत को फिर से पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ”रावत ने आज (सोमवार) काबीना मंत्री के रूप में शपथ ली।”
कांग्रेस से भाजपा में आए रावत ने भी मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि उन्होंने काबीना मंत्री के रूप में शपथ ली है।
मुख्यमंत्री यादव ने नवंबर 2023 में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद 13 दिसंबर 2023 को सूबे की कमान संभाली थी।
श्योपुर जिले के विजयपुर से छह बार विधायक रहे रावत 30 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के अभियान के दौरान पाला बदल कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए थे।
हालांकि, रावत ने अब तक कांग्रेस विधायक के रूप में विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। रावत एक चुनावी रैली में भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन वह अपने पालाबदल की खुलकर पुष्टि करने से झिझक रहे थे।
अधिकारी ने बताया कि रावत के यादव मंत्रिमंडल में शामिल होने के साथ ही मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है जिनमें खुद मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।