ठाणे: 18 अप्रैल (ए) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक विशेष पॅाक्सो (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) अदालत ने एक नगर निगम अधिकारी को यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया, क्योंकि शिकायतकर्ता महिला और उसकी नाबालिग बेटी ने अपने ही आरोपों का समर्थन नहीं किया।
विशेष न्यायधीश डी एस देशमुख ने 16 अप्रैल के आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता पक्ष के गवाह ने अपने मामले का समर्थन नही किया। आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।अभियोजन पक्ष के अनुसार, मीरा भायंदर नगर निगम में स्वच्छता निरीक्षक कांतीलाल किसन बांगर (51) ने 2022 में एक महिला सफाईकर्मी और उसकी बेटी के साथ, उसके पति को नौकरी दिलाने के बहाने कथित तौर पर यौन संबंध बनाने की कोशिश की थी।
बांगर पर इसके बाद पॅाक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मुकदमे के दौरान हालांकि, शिकायतकर्ता महिला और उसकी बेटी आरोपों का समर्थन करने में असफल रहीं।
न्यायधीश ने अपने फैसले में कहा कि इसके बजाय अभियोजन गवाहों ने स्वीकार किया कि आरोपी ने महिला सफाईकर्मी और उसकी बेटी के साथ कोई गलत हरकत नहीं की। उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके।