मुंबई,12 मई (ए)।कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे महाराष्ट्र में एक दूसरा भयावह रोग म्यूकॉरमायकोसिस यानि ब्लैक फंगस तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में अब तक दो हजार लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं जबकि 8 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं जिससे उनकी आंख और ब्रेन को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को बताया कि सूबे में अब तक दो हजार लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित होने के बाद राज्य में ब्लैक फंगस की बीमारी तेजी से बढ़ी है जिससे अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित जो मरीज मधुमेह से पीड़ित हैं उनमें अधिकांश लोगों को म्यूकॉरमायकोसिस के लक्षण दिखाई दिए हैं। टोपे ने कहा कि एमपी-एम्पोथेरिसीन ब्लैक फंगस की दवा है जो हर जगह उपलब्ध है। पहले इसकी कीमत ढाई हजार रुपये थी। लेकिन मांग बढ़ने से इसकी कीमत 6 हजार रुपये हो गई है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ब्लैक फंगस रोगियों को महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत मुफ्त उपचार देने का फैसला किया है। साथ ही, ब्लैक फंगस रोगियों के लिए अस्पताल में अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं।
राज्य में म्यूकॉरमायकोसिस रोग के उपचार के लिए उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई के हॉफकिन इंस्टीट्यूट को 1 लाख इंजेक्शन तैयार करने का आर्डर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बताया कि ब्लैक फंगस का त्वरित इलाज आवश्यक है। इसलिए यह ऑर्डर दिया गया है। इसके अलावा छह कंपनियों को तीन लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का आर्डर दिया गया है। इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।