नयी दिल्ली-लखनऊ , 25 फरवरी (ए) लखनऊ में एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के मामले में आईएसआईएस के आठ संदिग्ध सदस्यों को दोषी करार दिया है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।.
एनआईए अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध आतंकियों की दोषसिद्धि वैश्विक आतंकी समूह के सदस्यों के खिलाफ उसकी राष्ट्रव्यापी कार्रवाई में एक बड़ी सफलता है।.
संघीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष एनआईए अदालत सोमवार को सजा सुनाएगी।
उन्होंने बताया कि सात मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए एक विस्फोट में इन दोषियों की संलिप्तता थी। इस घटना में 10 लोग घायल हो गये थे। ट्रेन में विस्फोट की घटना का मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
उल्लेखनीय है कि आठों दोषियों को आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने से जुड़े ‘कानपुर षडयंत्र’ मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। भारतीय दंड संहिता, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ कि दोषियों ने ‘आईईडी’ बनाई और उनमें से कुछ का परीक्षण किया तथा उन्हें उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगाने की कोशिश की थी।
प्रवक्ता ने बताया कि आतंकी समूह ने कई स्थानों से कथित तौर पर अवैध हथियार और विस्फोटक सामग्री जुटायी थी।
अधिकारी ने बताया कि आईएसआईएस की साजिश का मामला उस वक्त सामने आया, जब कानपुर नगर निवासी मुख्य आरोपी मोहम्मद फैसल को ट्रेन में विस्फोट की घटना को लेकर गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि उससे पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के आधार पर उसके सहयोगियों गौस मोहम्मद खान उर्फ ‘करन खत्री’, अजहर खान उर्फ ‘अजहर खलीफा’ और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया गया था। वे सभी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक, मामले की जांच से यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुआ है कि आरोपी आईएसआईएस के सदस्य थे और वे इस्लामिक स्टेट एवं इसके नेता अबू बकर अल बगदादी के प्रति निष्ठा रखते थे।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मुजफ्फर, नेतृत्वकर्ता था और वह (इस्लामी उपदेशक) जाकिर नाइक के दुष्प्रचार से प्रभावित था। यह पाया गया कि वह आईएस से जुड़ी वेबसाइट अक्सर देखा करता था, जहां से वह वीडियो डाउनलोड करता था तथा उन्हें अपने समूह के अन्य लोगों के साथ साझा करता था।’’
एनआईए ने कहा कि सभी आठों दोषी आईएसआईएस की गतिविधियों को भारत में बढ़ावा दे रहे थे।
एजेंसी ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य की खातिर फैसल, गौस खान, मुजफ्फर, दानिश और सैफुल्ला ने स्थल मार्गों का पता लगाया। उन्होंने प्रवासन के लिए कोलकाता, सुंदरवन, श्रीनगर, अमृतसर, वाघा सीमा, बारमेड़, जैसलमेर, मुंबई और कोझिकोड सहित कई प्रमुख शहरों की यात्रा की।’’
प्रवक्ता ने बताया कि फैसल, अतीफ और सैफुल्ला ने मार्च 2016 में कश्मीर की भी यात्रा की थी