सहस्त्रताल जा रहे ट्रेकर दल के नौ सदस्यों की मौत, वायुसेना ने तीन लोगों को सुरक्षित निकाला

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली/उत्तरकाशी/बेंगलुरु: पांच जून (ए) उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण कर्नाटक के नौ ट्रेकर की मौत हो गई है। वायुसेना के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। साथ ही पांच ट्रेकर के शव बाहर निकाल लिये गये, जबकि तीन शेरपाओं और चार ट्रेकर के शव बृहस्पतिवार को वापस लाये जाएंगे।मनेरी की ‘हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी’ ने 29 मई को उत्तरकाशी से 35 किलोमीटर लंबे ट्रेक के लिए 22 सदस्यों की एक टीम भेजी थी।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी महरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि टीम में 18 ट्रेकर कर्नाटक से और एक महाराष्ट्र से था तथा तीन स्थानीय गाइड थे।

भारतीय वायुसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बचाव अभियान का विवरण और अभियान के लिए तैनात किए गए हेलीकॉप्टर की तस्वीर को भी साझा किया। वायुसेना ने पोस्ट में कहा, ”समय से लड़ते हुए, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने उत्तरकाशी के सहस्त्रताल में ट्रेकिंग करते समय खराब मौसम के कारण फंसे 15 ट्रेकर में से तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। साथ ही पांच ट्रेकर के शवों को भी सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है।”

सेना के मुताबिक, ”अधिक ऊंचाई और ऊबड़-खाबड़ इलाके होने की वजह से बचाव अभियान हल्के वजन वाले दो चीता हेलीकॉप्टरों द्वारा ऊंचाई वाले इलाके से बेस कैंप तक और फिर मध्यम वजनी हेलीकॉप्टर एमआई 17 वी5 के जरिये निकटतम चिकित्सा केंद्र तक चलाया गया।”

वायुसेना ने बताया, ”तीन शेरपा और चार ट्रेकर के शव कल निकाले जाएंगे।”

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि ट्रेकर को बाहर निकालने के लिए जमीनी और हवाई बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि 4100-4400 मीटर की उंचाई पर स्थित मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर फंसे ट्रेकर की तलाश एवं बचाव तथा मृत ट्रेकर के शवों को निकालने के लिए वायुसेना से भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए मातली एवं हरसिल सहित अन्य हेलीपैड पर भी आवश्यक प्रबंध कर लिये गए हैं।

बिष्ट ने बताया कि इसके अलावा, जमीनी अभियान के तहत राज्य आपदा प्रतिक्रियाबल (एसडीआरएफ) तथा वन विभाग की बचाव टीमें अलग-अलग दिशाओं से घटनास्थल की ओर रवाना कर दी गयी हैं ।

उन्होंने बताया कि वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी व बचाव टीम सिल्ला गांव से आगे पहुंच चुकी है जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआरएफ का दल तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रवाना हुआ है।

यदुवंशी ने बताया कि टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है जहां एम्बुलेंस, लोक निर्माण विभाग तथा पुलिस की टीम तैनात की गई है।