कोझिकोड: 22 जुलाई (ए) दुर्लभ संक्रमण से जान गंवाने वाले 14 वर्षीय लड़के के संपर्क में आने के कारण निपाह वायरस से संक्रमित होने के खतरे का सामना करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 350 हो गई है, जिनमें से 101 लोग उच्च जोखिम की श्रेणी में हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को यह जानकारी दी।
केरल का स्वास्थ्य विभाग 13 लोगों के परीक्षण के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है, जिनके नमूने परीक्षण के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला और तिरुवनंतपुरम के ‘एडवांस्ड वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट’ में भेजे गए थे।उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों में से छह व्यक्तियों में लक्षण दिखे हैं जिनमें से तीन लोग द्वितीयक संपर्क सूची के हैं। भले ही मृत लड़के के माता-पिता में लक्षण नहीं हैं फिर भी हमने सभी आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए उनके नमूने भी परीक्षण के लिए भेजे हैं।’’
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि संपर्क में आए लोगों की सूची में दो व्यक्ति पलक्कड़ के हैं, जबकि चार तिरुवनंतपुरम के हैं।
पलक्कड़ के दो लोग एक निजी अस्पताल में फिहलाल काम कर रहे हैं, जबकि तिरुवनंतपुरम के चार लोग इलाज के लिए पेरिंथलमन्ना पहुंचे हैं।
मंत्री ने कहा कि जान गंवाने वाले लड़के के दोस्तों ने उन्हें बताया कि उसने पांडिक्कड़ पंचायत के पास के पेड़ से एक फल खाया था, जहां चमगादड़ों की मौजूदगी का पता चला है।
केरल के मलप्पुरम के 14 वर्षीय लड़के की रविवार सुबह मौत हो गई थी। निपाह संक्रमण के कारण यहां उसका इलाज चल रहा था।
मंत्री जॉर्ज ने कहा कि मृत बच्चे के दोस्तों को इसके नुकसान से निपटने में मदद करने के लिए परामर्श दिया जाएगा और उनकी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी।
जिन लोगों पर उसके संपर्क में आने का संदेह है उन्हें स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने और इलाज कराने के लिए कहा गया है।
जॉर्ज ने कहा कि डॉ. बालासुब्रमण्यम के नेतृत्व में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की एक टीम चमगादड़ों और उनके आवासन का निरीक्षण करने के लिए आज (सोमवार) केरल पहुंचेगी।
इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम पहले ही केरल पहुंच चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बुखार पर निगरानी के लिए कुल 224 टीम तैनात की गई हैं और वे पांडिक्कड़ और अनाक्कयम पंचायतों में घरों में सर्वेक्षण कर रही हैं।एक बयान में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने निपाह वायरस से निपटने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आह्वान किया था और नागरिकों से चमगादड़ों के प्राकृतिक आवासन को नष्ट न करने का आग्रह किया था।