नयी दिल्ली, 23 अगस्त (ए) शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ) तैयार किया है जिसके तहत अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी और छात्र-छात्राओं को इसमें सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा।.
नये पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।.स्कूली स्तर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के दस्तावेज के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि छात्र-छात्राओं को अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि नए पाठ्यचर्या ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी और छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी।
दस्तावेज के अनुसार, छात्र इसमें से उस परीक्षा में उपस्थित हो सकते हैं जिसके लिए वे अपने को तैयार महसूस करेंगे।
इसके अनुसार, कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
नये पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी। इसके तहत कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को ‘कवर’ करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा और पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी।
नये पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।