संभल (उप्र): 26 दिसंबर (ए) उत्तर प्रदेश के संभल जिले के बिजली विभाग के अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी के सुबूत मिलने का दावा किया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता (परीक्षण) सुप्रीत सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘दोनों मीटर पहले ही काट दिए गए थे और आज अधिकारियों और सांसद के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उनका निरीक्षण किया गया। दोनों मीटरों की जांच अपराह्न 12 बजे शुरू हुई और शाम चार बजे तक जारी रही।’’सिंह ने कहा, ”एक मीटर सांसद के नाम से पंजीकृत था। इसकी भौतिक स्थिति और सील बरकरार पाई गई, लेकिन एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) रिपोर्ट में 30 मई 2024 और 13 दिसंबर 2024 के बीच शून्य वोल्टेज, शून्य लोड और शून्य खपत का पता चला। इससे पता चलता है कि बिजली चोरी के उद्देश्य से बाईपास लिंकेज की गई थी, क्योंकि इस्तेमाल के बावजूद बिजली की खपत शून्य दर्ज की गई है।”सांसद के दादा के नाम से पंजीकृत दूसरे मीटर के बारे में सिंह ने कहा, ”भौतिक स्थिति और सील भी बरकरार थी, लेकिन एमआरआई रिपोर्ट में पिछले 16 महीनों से शून्य खपत और शून्य लोड का पता चला है। इससे बिजली चोरी की पुष्टि होती है। एमआरआई आमतौर पर एक साल का डेटा प्रदान करता है और यह अनियमितता रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।”
सांसद जिया उर रहमान बर्क के प्रतिनिधि फिरासत उल्ला ने वकील कासिम जमाल के साथ बिजली विभाग का दौरा किया और पत्रकारों से बात की।
उन्होंने कहा, ”हम निरीक्षण में भाग लेने आए थे, लेकिन हमें अभी तक अंतिम रिपोर्ट नहीं मिली है, न तो इस बार और न ही पहले मिली थी। हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।”
कथित अनियमितताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”दोनों मीटरों का निरीक्षण किया गया था और अब तक कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई है। मीटर की सील बरकरार हैं और मीटर ठीक से काम कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने फिरासत उल्ला के बयान को गलत बताते हुए कहा कि मीटर की भौतिक स्थिति सामान्य दिख रही थी, लेकिन एमआरआई रीडिंग में लंबे समय तक शून्य खपत दिखाई गई, जो बिजली चोरी का संकेत है।
उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
संभल में पिछली 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी थी। इस सिलसिले में दर्ज एक मुकदमे में क्षेत्रीय सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क भी आरोपी हैं। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। हालांकि उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए मामले को रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।