लखनऊ, 10 अगस्त (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) ने बृहस्पतिवार को जातिवार जनगणना का मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाया। इसके जवाब में सरकार ने कहा कि यह मुद्दा केंद्र सरकार का है और राज्य में ऐसी जनगणना कराने की उसकी कोई योजना नहीं है।.
विधान परिषद में इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा सदस्य सदन के बीचोबीच धरने पर बैठ गये। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिये स्थगित कर दी गयी।.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सपा सदस्य संग्राम यादव द्वारा जातिवार जनगणना कराने की योजना को लेकर पूछे गये सवाल का लिखित उत्तर ‘नहीं’ में दिया।
उन्होंने कहा, ”भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के क्रमांक 69 पर जनगणना का विषय अंकित है। जनगणना कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा जनगणना अधिनियम 1948 एवं जनगणना नियम 1990 बनाए गए हैं, जिसके अंतर्गत जनगणना का कार्य किया जाता है। यह भारत सरकार द्वारा किया जाता है।”
समाजवादी पार्टी राज्य में जातिवार जनगणना की मांग पहले से ही कर रही है। उसने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिये जारी अपने घोषणापत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था।
उधर, जातिवार जनगणना के मुद्दे पर विधान परिषद में राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य बृहस्पतिवार को सदन के बीचोबीच धरने पर बैठ गये। इस वजह से कार्यवाही को कुछ देर के लिये स्थगित कर दिया गया।
सपा सदस्यों ने कार्यस्थगन की सूचना के जरिये जातिवार जनगणना का मुद्दा उठाया। सूचना की ग्राह्यता पर बल देते हुए सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जातिवार जनगणना के अभाव में पिछड़ी जातियों के साथ सामाजिक न्याय नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो सभी जातियों की गणना कर सकती है। अगर ऐसा किया जाए तो सारा भ्रम खत्म समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सैकड़ों ऐसी जातियां हैं जो पहले पिछड़ी जातियों में शामिल नहीं थीं, लेकिन अब उन्हें इसमें शामिल कर लिया गया है। इनके जुड़ने से पिछड़ों की आबादी 60-65 फीसदी हो गई है।
सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने भी सूचना की ग्राह्यता पर बल दिया। नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि जातिवार जनगणना का मुद्दा सदन में लाया जाना वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का ‘एजेंडा सेट करने की कवायद’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘जनगणना का कार्य भारत सरकार द्वारा कराया जाता है। जनगणना की विषय वस्तु भारत सरकार से संबंधित है, राज्य सरकार से नहीं। जनगणना के संबंध में अलग से कोई प्रावधान करने का हमारा अधिकार भी नहीं है।’’
उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक केंद्र में सपा और बसपा की बैसाखी पर कांग्रेस की सरकार थी तब सपा ने जातिवार जनगणना क्यों नहीं करायी। इसके अलावा वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में सपा की ही सरकार रही, तब उसने यह काम क्यों नहीं कराया।
इसी दौरान सपा सदस्य नेता सदन के वक्तव्य से असंतुष्ट होकर सदन के बीचोबीच आकर नारेबाजी करने लगे। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने हंगामा कर रहे सपा सदस्यों को अपने-अपने स्थान पर जाने को कहा मगर वे सदन में धरने पर बैठ गए।
हंगामा थमता ना देख सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न डेढ़ बजे 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।