लखनऊ, 19 फरवरी (ए)। यूपी विधानसभा में शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही वेल में उतर आए। उन्होंने कार्यवाही रोक कर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। हंगामा बढ़ते देख विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की। इसके चलते प्रश्नप्रहर हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधान सभा की कार्यवाही सुबह 11बजे शुरू होती ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया।उन्होंने कहा कि किसानों पर दिल्ली में अत्याचार हो रहा है। उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। सैकड़ों किसान शहीद हो गए हैं। किसान किसी जाति धर्म का नहीं होता है। वह हर धर्म और समाज का होता है। अन्यदाता के खिलाफ कानून बनाना उन पर अत्याचार करने जैसा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि विधानसभा की कार्यवाही रोकते हुए इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कराए।
इसी बीच कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य भी वेल में उतर आए। उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए नारेबाजी व हंगामा शुरू कर दिया।विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने सभी सदस्यों को अपनी सीट पर जाने के निर्देश दिए लेकिन विपक्षी दलों से सदस्य वेल में मौजूद रहे। कांग्रेस के सदस्य अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में वेल में जोरदार नारेबाजी करने लगे। इसी बीच श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विपक्ष का पुरजोर विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनविरोधी और किसान विरोधी है। उन्होंने खुद किसानों पर हमेशा लाठियां बरसाई हैं। गोलियां चलवाई हैं। ये किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी हंगामा कर रहे विपक्ष की आलोचना की और कहा कि वही लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जिन्होंने महेंद्र सिंह टिकैत पर इतनी लाठियं बरसाईं कि सभी को याद है। उन्होंने ही महेंद्र सिंह टिकैत को दो महीने तक जेल में ठूंसे रखा। अब ये किसानों की बात कर रहे हैं। ये बताएं टप्पल में किसने किसानों पर गोलियां चलवाईं। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही को 11.06 बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजेतक बढ़ाया गया और बाद में सदन की कार्यवाही को 12.20बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया। हंगामे के चलते प्रश्न प्रहर नहीं हो सका।