लखनऊ ,13 मई एएनएस। यूपी में मार्च/अप्रैल में कोरोना की आयी दूसरी लहर की संक्रमण दर पहले की तुलना में 30 से 50 गुना संक्रामक थी। इसी अनुपात में ऑक्सीजन की चौतरफा मांग भी निकली। मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के नाते ऑक्सीजन की कमी को लेकर देश के सभी राज्यों को परेशान होना पड़ा। उत्तर पदेश में भीलोग ऑक्सीजन के सिलिंडर को पाने के लिए परेशान हुए। और कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल भी मरीजों की साँस को सहेजने के लिए सरकार से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग करने लगे। ऑक्सीजन रीफिलर के पास ऑक्सीजन के सिलिंडर लेने वालों की भीड़ लगने लगी। ऐसे समय में अपनी सेहत की चिंता किए बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए जो कार्ययोजना तैयार की, उसके चलते अब यूपी में ऑक्सीजन की कहीं कोई कमी नहीं है। राज्य के हर जिले में मरीजों की सांसों को सहेजने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन के सिलेंडर मौजूद हैं। ऑक्सीजन की इस उपलब्धता के चलते अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होम आइसोलेशन में कोरोना संक्रमण का इलाज कर रहे लोगों को भी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराये जाने का निर्देश दिया। यह काम शुरू भी हो गया है।
बढ़ती आपूर्ति के बाद ऑक्सीजन संकट की मूल वजह थी वितरण में देरी। इसके लिए अभूतपूर्व मांग की आपूर्ति के लिए क्रायोजनिक टैंकर काम थे। केंद्र और बड़े उद्यमियों से बात कर ऐसे टैंकरों की संभव व्यवस्था की गई। साथ ही सरकार ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किए। ऐसा करने वाला यूपी पहला राज्य बन गया। यूपी में ऑक्सीजन लाने के लिए 64 ऑक्सीजन टैंकर थे, जो अब बढ़कर 89 ऑक्सीजन हो गए हैं। केंद्र सरकार ने भी प्रदेश को 400 मीट्रिक टन के 14 टैंकर दिए हैं।
यही नहीं भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया जा चुका है। इसके लिए बजट भी सरकार ने जारी कर दिया है। इसके साथ ही भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही भी शुरू की गई है। विभिन्न पीएसयू भी अपने स्तर पर प्लांट स्थापित करा रही हैं। इसके साथ ही गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग और आबकारी विभाग द्वारा ऑक्सीजन जनरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यह विभाग प्रदेश के सभी 75 जिलों में ऑक्सीजन जनरेटर लगाएगा। एमएसएमई इकाइयों की ओर से भी ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के मामले में सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा सरकार ने सीएचसी स्तर से लेकर बड़े अस्पतालों तक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए हैं। यह सभी क्रियाशील रहें, इसे सुनिश्चित किया गया। और जिलों की जरूरतों के अनुसार और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जाने की अनुमति भी दी गई है। इसके अलावा उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने का निर्देश दिया। और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 24 घंटे साफ्टवेयर आधारित कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन टैंकरों में जीपीएस और ऑक्सीजन के वेस्टेज को रोकने के लिए सात प्रतिष्ठित संस्थाओं से ऑडिट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस और वायु सेना के जहाजों की भी सहायता ली।
जाहिर है कि लोगों की सांसों को संजीदगी से सहेजने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऑक्सीजन उपलब्धता की रणनीति कारगर साबित हो रही है।