पुलिस ने सीबीएसई परीक्षा में छद्म रैकेट का भंडोफोड़ किया, चार आरोपी गिरफ्तार

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 26 अप्रैल (ए)।) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए 28 वर्षीय एक व्यक्ति ने ‘ब्लूटूथ डिवाइस’ से लैस एक छद्म परीक्षार्थी को काम पर रखा। हालांकि, जब एक परीक्षा निरीक्षक ने दोनों के बीच बायोमेट्रिक डेटा बेमेल पाए तो दिल्ली पुलिस ने छद्म और मूल परीक्षार्थियों समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके योजना को नाकाम कर दिया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान छद्म परीक्षार्थी सचिन (26), मूल परीक्षार्थी नितिन (28) और बिचौलियों बलजिंदर (27) व श्याम सुंदर (29) के रूप में हुई है। इन्हें शहर में अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया।पुलिस ने एक बयान में कहा, “हरियाणा के झज्जर से बीटेक पाठ्यक्रम में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर चुका नितिन सरकारी नौकरी की तलाश कर रहा था और उसने सरकारी नौकरी की परीक्षा पास कराने के लिए एक व्यक्ति को काम पर रखने का फैसला किया। हरियाणा के टोहाना नगर निगम में ग्रुप डी के कर्मचारी बलजिंदर और श्याम सुंदर कथित तौर पर बिचौलिए के रूप में काम करते थे।”पुलिस के अनुसार जांच में पता चला कि श्याम ने नितिन के साथ 15 लाख रुपये में सौदा किया था, ताकि उसका चयन हो सके। पुलिस ने बताया कि बाद में श्याम ने बलजिंदर को भी इसमें शामिल किया, जिसने 12 लाख रुपये में नितिन के नाम पर सचिन को परीक्षा में बिठाने का प्रबंध किया।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने हताश परीक्षार्थियों की पहचान करने तथा भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने के लिए ‘ब्लूटूथ डिवाइस’ और अन्य उपकरणों से लैस उनके छद्म परीक्षार्थियों की व्यवस्था करने के लिए एक नेटवर्क भी बनाया।

मामला 20 अप्रैल को उस समय प्रकाश में आया जब ग्रेटर कैलाश-2 में स्थित एक स्कूल में अधीक्षक व कनिष्ठ सहायक के पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई।

डीसीपी (दक्षिण) अंकित चौहान ने कहा, “नियमित जांच के दौरान, निरीक्षक को एक अभ्यर्थी के बायोमेट्रिक डेटा और उसके स्थान पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी के डेटा में अंतर मिला। मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। सादे कपड़ों में मौजूद अधिकारियों ने परीक्षा कक्ष के बाहर से सचिन को गिरफ्तार कर लिया, जबकि पास में ही इंतजार कर रहे नितिन को भी कुछ देर बाद गिरफ्तार किया गया।”

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों ने बलजिंदर और श्याम की संलिप्तता का खुलासा किया, जिन्हें थोड़ी तलाशी के बाद ग्रेटर कैलाश इलाके के एक पार्क से गिरफ्तार कर लिया गया।

हरियाणा के रोहतक से स्नातक की पढ़ाई कर चुके सचिन का विभिन्न परीक्षाओं में छद्म परीक्षार्थी के रूप में शामिल होने का इतिहास रहा है।

डीसीपी ने बताया कि वह राजस्थान के सीकर में दर्ज इसी तरह के एक मामले में वांछित था।

अधिकारी ने कहा, “हम इस गिरोह में और लोगों की संलिप्तता की जांच कर रहे हैं।”

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से चार जीएसएम ब्लूटूथ डिवाइस, चार मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक कार, एक ओएमआर शीट, दो एडमिट कार्ड और एक उपस्थिति पत्र जब्त किया गया है।

अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या हाल ही में दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों में आयोजित अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की गई थी।