लखनऊ/सहारनपुर (उप्र), दो जुलाई (ए) भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर पिछले दिनों हुए हमले के मामले में पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्तों के हवाले से नया दावा किया है। .
पुलिस मुख्यालय द्वारा रविवार को लखनऊ में जारी एक बयान के मुताबिक इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों ने पूछताछ में कहा है कि आजाद के ‘उल्टे-सीधे’ बयानों से क्षुब्ध होकर उन्होंने उन्हें जान से मारने के लिए उन पर हमला किया था।.हालांकि आजाद ने पुलिस के इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस अब भी इस वारदात की सही कारणों तक नहीं पहुंच पाई है।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर हमले के मामले में पुलिस ने विकास उर्फ विक्की, प्रशांत और लवीश (तीनों सहारनपुर जिला के देवबंद क्षेत्र के रणखंडी निवासी) तथा हरियाणा राज्य के करनाल निवासी विकास उर्फ विक्की को अंबाला से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
बयान में दावा किया गया है कि पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के उल्टे सीधे बयानों से नाराज होकर उन्होंने उन पर हमला किया था।
इस बीच, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस के इस दावे पर विरोध जताया है। उन्होंने सहारनपुर में’ बातचीत में कहा, ‘‘वह पुलिस के खुलासे से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस ने जल्दबाजी में खुलासा किया है। वह सही कारणों तक नहीं पहुंच पाई है।’’
आजाद ने कहा, ‘‘पुलिस वही करती है जो सरकार कहती है। जिन बच्चों को ठीक से भोजन करना भी नहीं आता, वे किसी पर गोली कैसे चला सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार के काम करने के तरीके जानते हैं। सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को मिटाने के लिए सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल करने के साथ-साथ झूठे मुकदमों का सहारा ले रही है और जिन पर वश नहीं चल रहा है उन्हें गोली के जरिए निपटाने का काम कर रही है।
उन्होंने अरोप लगाया कि पुलिस सरकार के दबाव में आकर जल्दबाजी न करे बल्कि सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सही जानकारी सामने लाए
गौरतलब है कि विगत 28 जून को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद सहारनपुर जिले के देवबंद में अपने सहयोगियों के साथ एक कार्यक्रम से लौट रहे थे तभी कुछ अज्ञात बदमाशों ने जान से मारने की नियत से उन पर गोली चलाई थी। उनमें से एक गोली आजाद के पेट को छूते हुए निकल गयी थी। आजाद को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें बृहस्पतिवार की शाम को छुट्टी दे दी गयी थी।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी बयान के मुताबिक आजाद पर किए गए हमले के मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वे पिछले कुछ महीनों के दौरान आजाद द्वारा दिल्ली और आसपास के स्थानों पर दिए गए उल्टे सीधे बयानों से बहुत आहत थे।
बयान के अनुसार पिछली 28 जून की सुबह प्रशांत और लवीश हरियाणा के करनाल निवासी विकास को मेरठ से लेकर लौट रहे थे, तभी रास्ते में रोहाना कलां टोल के पास खाने के लिए ढाबे पर रुके। इसमें कहा गया है कि उन युवकों ने वहां पर काफी भीड़ एकत्र होते देखी, पता करने पर उनको जानकारी हुई कि इस रास्ते से चंद्रशेखर आजाद अपने समर्थकों के साथ देवबंद में किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि इस पर उन्होंने उनकी हत्या करने की तुरंत योजना बनाई और देवबंद पहुंचकर उनके कार्यक्रम की टोह ली।
बयान के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उनके पास दो तमंचे थे, गाड़ी विकास की थी जिसे वह ही चला रहा था। जैसे ही चंद्रशेखर अपनी गाड़ी पर बैठकर निकले और स्पीड ब्रेकर के पास गाड़ी धीमी हुई तो उनलोगों ने उन्हें ओवरटेक किया और उन पर तीन चक्र गोली चलाई, जिसमें से दो विकास ने और एक गोली प्रशांत ने चलाई।
उधर, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां अपने पुत्र अब्दुल्ला के साथ चन्द्रशेखर आजाद को देखने उनके आवास पहुंचे।
खां ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैं इस हमले से परेशान नही हूं। यह पहला हमला नहीं है और आखिरी भी नहीं है। चंद्रशेखर आजाद का मिशन गरीबों और कमजोरों को न्याय दिलाने का है। इनकी जिंदगी के साथ मिशन भी जिंदा रहे।’