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पुलिस ने चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर चोरी का मामला सुलझाया

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नयी दिल्ली: 28 फरवरी (ए) दिल्ली पुलिस ने चेहरा पहचान प्रणाली (एफआरएस) तकनीक की मदद से चोरी का एक मामला सुलझाने के साथ ही इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि चोरी की गई 5.87 लाख रुपये की नकदी के साथ ही चोरी के आभूषणों से टूटे हीरे और मोती बरामद कर लिए गए हैं।पुलिस ने बताया कि 16 फरवरी को पीसीआर कॉल पर सूचना मिली कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक घर में चोरी हो गई है।

शिकायतकर्ता नवीन कुमार चोपड़ा ने बताया कि उनके घर में सेंधमारी की गई और सोने के आभूषण चोरी हो गए।

उन्होंने बताया कि नवीन की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।

पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और संदिग्ध की स्पष्ट तस्वीर हासिल की।

अधिकारियों ने बताया कि एफआरएस तकनीक का उपयोग करते हुए संदिग्ध की पहचान तिमारपुर निवासी इमरान (28) के रूप में की गई, जो एक आदतन अपराधी है और पहले भी चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है।

टीम ने आरोपी के पैतृक गांव स्थित घर पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि उसने चोरी के आभूषण सचिन वर्मा (36) नामक एक सुनार को बेच दिए थे।

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भीष्म सिंह ने बताया कि इमरान के खुलासे के बाद पुलिस ने 5.87 लाख रुपये नकद और हीरे-मोती समेत चोरी के कुछ सामान बरामद किये हैं।इसके बाद की जांच में वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके पास से पुलिस ने आभूषण के टुकड़े बरामद किये।

अधिकारी ने बताया कि वर्मा ने गाजियाबाद के सुनारों को सोना बेचने की बात स्वीकार की है।

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