पटाखों से प्रदूषण: देश के कई शहरों की हवा हुई जहरीली,सांस लेना मुश्किल

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली,06 नवंबर (ए)। देश में दिवाली की रात जबरदस्त आतिशबाजी से कई शहरों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। दिवाली पर पटाखों के बैन का कोई असर नहीं दिखा और देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर पटाखें जलाए गए। इसका नतीजा यह हुआ कि चारों ओर आसमान में प्रदूषण ही प्रदूषण फैल गया। शुक्रवार सुबह उत्तर भारत के कई शहर धुंध की मोटी चादर में लिपटे रहे। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की समस्या का सामना करना पड़ा। एनसीआर में धुंध की मोटी चादर देखी गई। इसका असर पंजाब,यूपी से लेकर बिहार तक दिखा। दिवाली पर बनारस में वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। सामान्य से छह गुना अधिक वायु प्रदूषण से शहर के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भेलूपुर, मलदहिया, बीएचयू और अर्दली बाजार में एयर एंबियंट क्वालिटी मशीन लगाई गई है। गुरुवार को अर्दली बाजार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 204, भेलूपुर में 179, बीएचयू में 117 और मलदहिया में 225 रहा। वहीं, शुक्रवार को यह क्रमश: 227, 230, 256 और 292 दर्ज किया गया। पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर गुरुवार को 384 तो शुक्रवार को 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। वहीं, पीएम-10 का अधिकतम स्तर दिवाली पर 310 रहा, जो शुक्रवार को बढ़कर 500 माइक्रेग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया। पीएम-2.5 और पीएम-10 का सामान्य स्तर क्रमश: 60 व 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है।
दीपावली पर जबरदस्त आतिशबाजी के चलते ताज नगरी की हवा में जहरीले रयासनों की मौजूदगी सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार को आगरा देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा। वहां पीएम-2.5 कणों की मौजूदगी खतरनाक स्तर को पार कर गई। शुक्रवार सुबह से आगरा धुंध की चादर में लिपटा रहा। शहर के पांच प्रमुख केंद्रों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर रहा। सबसे खतरनाक स्थिति ताजमहल के नजदीक शाहजहां गार्डन में रिकॉर्ड की गई। यहां एक्यूआई का औसत 458 रहा, जबकि सभी स्टेशनों पर अधिकतम स्तर 500 दर्ज किया गया। आगरा के हर इलाके में कार्बन का स्तर भी तय मानक से 20 गुना अधिक रहा। शाहजहां गार्डन में इसका औसत 80 और अधिकतम स्तर 121 एमपीएम रहा है, जबकि यह भरपूर हरियाली वाला इलाका है 
दीपोत्सव पर बरेली में एक्यूआई सामान्य से पांच गुना अधिक दर्ज किया गया। एसपीएम, आरएसपीएम और सल्फर की मात्रा भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। तेज शोर वाले पटाखों के साथ ध्वनि प्रदूषण भी 300 डेसिबल से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। 
दिवाली पर हल्द्वानी में एक्यूआई 251 रहा। बुधवार को यह 121 था। चौबीस घंटे में आबोहवा 108 फीसदी जहरीली हुई। हालांकि, पिछले दो वर्षों से तुलना करें तो इस साल दिवाली पर सबसे कम प्रदूषण हुआ। 2019 में एक्यूआई 296 तो 2020 में 292 दर्ज किया गया था