नयी दिल्ली: 25 अप्रैल (ए

) उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को शुक्रवार को ‘‘गैरजिम्मेदाराना’’ बताते हुए इस पर अप्रसन्नता जाहिर की। हालांकि न्यायालय ने गांधी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी को भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने के लिए आगाह करते हुए कहा कि न्यायालय ऐसी टिप्पणियों पर स्वतः संज्ञान ले सकता है।
पीठ ने कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी जानते हैं कि महात्मा गांधी भी अंग्रेजों के साथ अपने संवाद में ‘‘आपका वफादार सेवक’’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे।
शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता की याचिका पर शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। शिकायतकर्ता ने राहुल गांधी पर एक रैली के दौरान ‘‘जानबूझकर’’ सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
राहुल गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
पेशे से वकील पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ और ‘सार्वजनिक शरारत’ जैसे कथित अपराधों के लिए विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया था।
कांग्रेस नेता ने 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक रैली में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर पर टिप्पणी की थी जिसके बाद यह मामला दर्ज कराया गया।