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पुलिसकर्मियों पर हमलों को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

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पटना: 17 मार्च (ए) बिहार विधानसभा के सदस्यों ने दलगत भावना और राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर पुलिसकर्मियों पर हमलों की हाल की घटनाओं पर सोमवार को चिंता व्यक्त की।

पिछले एक सप्ताह में राज्य के अररिया और मुंगेर जिले में पुलिस टीमों पर हुए हमले में एक-एक एएसआई की मौत हो गई है। इसके अलावा पटना, भागलपुर, नवादा और मधुबनी में भी पुलिसकर्मियों पर हमले की घटना सामने आई हैं।इन हमलों में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ स्थानों पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि शेष आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है।

होली की छुट्टियों के बाद जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार से हमलों पर जवाब देने की मांग करने लगे। उनका आरोप था कि इन हमलों से राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की पुलिस की क्षमता को कमजोर किया है।

सदन में कुछ मिनट तक हंगामा जारी रहा, जब तक कि विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने और उचित समय पर मुद्दा उठाने के लिए नहीं कहा।

शून्यकाल के दौरान, मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने इस मामले को उठाते हुए प्रभावी कार्रवाई की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई नहीं जा सके।

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई सदस्यों ने विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे से सहमति व्यक्त की।

बाद में, जनता दल (यूनाइटेट) के विधायक संजीव कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘अब समय आ गया है कि हमारी पुलिस ‘एनकाउंटर मोड’ में आए और गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जाए। उन्हें यह बताने की जरुरत है कि उनके पास जो हथियार हैं, वे सजावट के लिए नहीं हैं।’

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