धार्मिक आयोजन के दौरान भोजन को लेकर हुए विवाद में सुरक्षा गार्ड ने गोली चलाई,नाबालिग घायल

राष्ट्रीय
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कुरुक्षेत्र (हरियाणा): 22 मार्च (ए) हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित एक महायज्ञ में भोजन की गुणवत्ता को लेकर हुए विवाद के दौरान सुरक्षा गार्ड द्वारा कथित तौर पर गोली चलाए जाने से एक नाबालिग लड़का गोली लगने से घायल हो गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

घटना से गुस्साए यज्ञ में अनुष्ठान करने आए बड़ी संख्या में ब्राह्मणों ने कुरुक्षेत्र-पिहोवा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।पुलिस ने कहा कि मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के प्रयास जारी हैं।त्रिपुरा शक्तिपीठ, मणिकुट के श्री श्री 1008 स्वामी हरिओम द्वारा कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। दिनभर चलने वाले इस आयोजन में अनुष्ठान करने के लिए बड़ी संख्या में ब्राह्मण पहुंचे हैं।

पुलिस के अनुसार शनिवार को कुछ ब्राह्मणों ने उन्हें दिए जाने वाले भोजन की खराब गुणवत्ता की शिकायत की थी। इस पर ब्राह्मणों और स्वामी हरिओम के बीच विवाद हो गया।

इसने बताया कि ब्राह्मणों ने आरोप लगाया कि हरिओम के सुरक्षा गार्ड ने उन पर गोली चलाई।

पुलिस ने बताया कि इसके बाद गुस्साए ब्राह्मणों ने कार्यक्रम के पोस्टर फाड़ दिए और कथित तौर पर पथराव किया।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) वरुण सिंगला के अनुसार, लखनऊ के 16 वर्षीय आशीष कुमार को गोली लगी है। उन्होंने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और बताया जा रहा है कि उसकी स्थिति खतरे से बाहर हैं।

एसपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश निवासी प्रिंस नामक एक अन्य व्यक्ति पथराव में घायल हो गया। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और कुरुक्षेत्र-पिहोवा मार्ग को अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारी ब्राह्मणों को मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस बीच, स्वामी हरिओम ने आरोप लगाया कि कुछ ‘अराजक’ तत्वों ने पिछले चार दिनों से यहां आयोजित हो रहे ‘1008 कुंडीय यज्ञ’ में बाधा डालने की कोशिश की।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भंडारा कैथल से उनके अनुयायियों द्वारा संचालित किया जा रहा था और पिछले चार दिन में कोई शिकायत नहीं की गई। उन्होंने कहा कि शनिवार को अचानक कुछ ब्राह्मणों ने भोजन को लेकर आपत्ति जतानी शुरू कर दी और अन्य ने उनका समर्थन किया, जिससे अशांति फैल गई।

हरिओम ने कहा कि इस मामले पर सौहार्दपूर्ण तरीके से चर्चा होनी चाहिए थी, न कि यज्ञ में बाधा डालनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि 700 से 800 ब्राह्मण अभी भी अनुष्ठान कर रहे हैं।