पंचायत चुनाव ड्यूटी में टीचर्स की मौत पर विवाद से किरकिरी: CM योगी ने दिया आदेश-बदली जाए गाइडलाइन

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 20 मई (ए)। हाल के पंचायत चुनाव में एक हजार से अधिक शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के कोरोना संक्रमण से मरने के शिक्षक संघो के दावों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि महामारी के मौजूदा परिदृश्य में इस संबंध में मौजूदा दिशानिर्देशों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है ।आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संक्रमण के कारण जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति से सहयोग किया जाएगा।
बृहस्पतिवार को आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा, ” हर एक मृत्यु दुःखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी एवं उसके परिजनों के प्रति हैं। चुनाव ड्यूटी करने वाले जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई अथवा जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित होने के बाद बाद में मृत्यु हो गई, उनके संदर्भ में राज्य सरकार दिशा निर्देशों के अनुसार उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के सम्बन्ध राज्य चुनाव आयोग की संस्तुतियों पर कार्रवाई करती है। चूंकि चुनाव आयोग के दिशा निर्देश पुराने हैं और तब कोरोना संक्रमण इतना अधिक नहीं था। अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है।

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह निर्देश केवल शिक्षकों के संबंध में ही नहीं, बल्कि पंचायत चुनाव में लगे सभी विभागों के राज्य कर्मचारियों के लिये संबंध में दिया है। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव पंचायती राज आज राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित करके चुनाव आयोग को अपने दिशा निर्देशों में संशोधन करने का अनुरोध करें जिसका आधार चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर संक्रमण होने पर निधन होने की स्थिति को भी सम्मलित करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएँ देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है। उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा ,” कोविड संक्रमण के कारण कई दंपतियों की असमय मृत्यु हुई है, उनके बच्चे राज्य की जिम्मेदारी है । ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण पोषण और समुचित देखभाल के लिये महिला और बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तेयार की जायें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु का दावा करते हुए सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजे और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को गलत ठहराते हुए मंगलवार को कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि सभी 75 जिलों में पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया,”उप्र का समस्त शैक्षिक जगत भाजपा सरकार द्वारा मृतक शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से बेहद आक्रोशित है। भाजपा सरकार मृतकों की संख्या केवल ‘तीन बता रही है। भाजपा सरकार शिक्षक संघ की ‘1621 मृतकों की सूची को मुआवज़े का मान न देकर मृतकों का अपमान कर रही है।