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शादी के लिए सात दिन से प्रेमी की चौखट पर धरना देने वाली युवती की हुई जीत,परिवार झुका, मंदिर में प्रेमी संग लिए सात फेरे

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कन्नौज, 24 मई (ए)। यूपी के कन्नौज जिले के सौरिख में अपने प्यार को पाने के लिए पिछले सात दिनों से प्रेमी की चौखट पर धरने पर बैठी युवती ने आखिरकार अपनी जंग ही जीत ली। उसकी जिद के आगे न सिर्फ उसके प्रेमी बल्कि उसके परिवार को झुकना पड़ा। सोमवार की शाम दोनों ने पास के ही एक मंदिर में एक-दूसरे को वरमाला पहना कर जिंदगी का नया सफर शुरू किया। इटावा के भरथना की शिवा यादव यहां अपने प्रेमी अनुज यादव से शादी के लिए 19 मई को युवक के घर सौरिख के नगला-विशुना पहुंची और शादी की बात कही तो युवक व उसके परिजनों ने शादी से इंकार कर दिया तो युवती घर के बाहर धरने पर बैठ गई। इस पर युवक के परिजन युवक को लेकर मकान में ताला डालकर फरार हो गए। इस एक सप्ताह में युवती को कई मुशिकलों का सामना करना पड़ा। इस बीच शादी न होती देख युवती ने आत्मदाह की धमकी तक दे डाली। जिस पर सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस तैनात की गई थी। आखिरकार सोमवार को युवती की जिद रंग लाई और दोनों के बीच सकरावा में स्थित श्रीबालाजी धाम मंदिर पर सभी रस्मो रिवाज के साथ पं. रमन शर्मा ने शादी संपन्न कराई। प्रेमी-प्रेमिका ने एक दूसरे को वरमाला पहनाया तो मंदिर परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान प्रेमी के माता पिता और प्रेमिका के अलावा कुछ रिश्तेदार शामिल हुए। प्रेमिका की मां इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। बताया जाता है कि
इस प्रेम कहानी की शुरुआत अब से लगभग एक वर्ष पहले शुरु हुई थी। दरअसल इटावा के भरथना थाने निवासी युवती शिवा यादव और कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र के नगला विशुना गांव निवासी युवक अनुज यादव को एक-दूसरे से प्यार हो गया था। प्यार जब परवान चढ़ा तो कुछ दिन पहले दोनों घर से भाग गए। युवती के पिता ने भरथना थाने में युवक के खिलाफ मुकदमा कराया। इसी बीच युवक उसे को लेकर अपने घर पहुंच गया, तो युवक के परिजनों ने युवती को अपनाने से इंकार कर दिया था।
न बैंडबाजा और न बाराती, भगवान को साक्षी मानकर प्रेमी-प्रेमिका ने एक दूसरे के गले में वरमाला डालकर जीवन भर साथ निभाने का संकल्प लिया। हालांकि इस दौरान आचार्य ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अग्नि को साक्षी मान उनके फेरे भी कराए। प्रेमी-प्रेमिका के गिने-चुने परिजनों और दो-चार रिश्तेदारों की मौजूदगी में यह प्रेम विवाह संपन्न हुआ। प्रेमी को पति मान चुकी प्रेमिका को यह दिन देखने के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा। आखिरकार उसकी जिद पूरी हुई और प्यार की जीत हुई।

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