विदिशा,09 मई (ए)। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है। यहां एक डॉक्टर पिछले 20 सालों से मृत पिता की डिग्री पर खेत में लोगों का इलाज कर रहा था। उसे पकड़ने जब प्रशासनिक अधिकारी आए तो मरीजों के परिजन उसकी ढाल बन गए। इस बीच डॉक्टर मौका पाकर फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक, मामला विदिशा के नटेरन ब्लॉक के ग्राम वर्धा का है
। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर नीतू राय ने बताया कि सूचना पर हम वहां हम निरीक्षण करने गए थे। इलाज कर रहे कथित डॉक्टर अब्दुल करीम वहां मौजूद नहीं थे। उनके पिता डॉक्टर थे। अब्दुल पिछले 20 साल से यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं। यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि वहां 100 से ज्यादा लोग थे, जो अब्दुल का सपोर्ट कर रहे थे। बीएमओ नीतू राय ने बताया कि जहां हम ने निरीक्षण किया वहां बाकायदा पेड़ के नीचे बेड, चेयर के सहारे ड्रिप चढ़ाई जा रही थी। कबाड़ खाने में दवा-इंजेक्शन के कई बॉक्स भरे पड़े हुए थे। इसके अलावा बाहर एक टेबल पर भी दवाई गोलियां रखी हुई थीं। इस बारे में जब अब्दुल से पूछा गया तो उसने कबूल कर लिया कि डिग्री पिताजी के नाम पर है। उसके पास कोई डिग्री नहीं। पिताजी शांत हो चुके हैं। थाना शमशाबाद टीआई अजय दुबे ने बताया कि बीएमओ ने आवेदन दिया है वर्धा में अब्दुल करीम नाम का व्यक्ति मेडिकल प्रेक्टिस कर रहा है। उसके पास कोई डिग्री-रजिस्ट्रेशन नहीं है। प्रतिबंधित दवा और ड्रिप लगा रहा है। उन्होंने शिकायत में कहा कि इससे मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। हमने मामला दर्ज कर लिया है। आगे की कार्रवाई जा रही है। इधर, तहसीलदार हर्ष विक्रम सिंह ने कहा कि मौके से कुछ दवाइयां मिली हैं। हम जांच कर रहेहै।