लखनऊ, 23 जनवरी (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की श्रीरामचरित मानस के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी के एक दिन बाद सपा के कई विधायकों ने सोमवार को उनके बयान का विरोध किया और कहा कि वे इस मामले में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराएंगे।.
विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि श्रीरामचरित मानस एक ऐसा ‘ग्रन्थ’ है, जिसे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग पढ़ते हैं, और इसका पालन भी करते हैं।.रायबरेली के ऊंचाहार से तीसरी बार विधायक चुने गए पांडेय ने कहा “श्रीरामचरित मानस हमें नैतिक मूल्यों और भाइयों, माता-पिता, परिवार और अन्य लोगों के साथ संबंधों के महत्व को सिखाती है। हम न केवल रामचरितमानस बल्कि बाइबिल, कुरान और गुरुग्रंथ साहिब का भी सम्मान करते हैं। वे सभी हमें सबको साथ लेकर चलना सिखाते हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को मौर्य के विवादित बयान के बारे में सूचित किया था, पांडे ने कहा, “यह उनकी जानकारी में है। वह (अखिलेश) इस समय उत्तराखंड में हैं और हम उनसे मिलकर स्थिति से अवगत कराएंगे।” गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है। यह ‘अधर्म’ है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है।” मौर्य ने कहा था, “रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।” उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं।
सपा सूत्रों के मुताबिक मनोज पांडेय ही नहीं, मौर्य के बयान के खिलाफ सपा के कई अन्य नेताओं ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। पार्टी के एक विधायक ने कहा, ”फिलहाल हम मीडिया में कुछ भी साझा नहीं करने जा रहे हैं। हमारे नेता (अखिलेश) उचित निर्णय लेंगे और ऐसे बयानों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।” सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि उनका (मौर्य का) बयान पार्टी के विचारों के अनुरूप नहीं है, यह उनकी निजी राय हो सकती है। उन्होंने कहा, “हर किसी को इस तरह के बयानों से बचना चाहिए। यह उनका निजी बयान हो सकता है, लेकिन पार्टीलाइन नहीं।” प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गये थे। मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। हालांकि बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था।