पीलीभीत (उप्र): 27 मार्च (ए) लोकसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन मौजूदा सांसद वरुण गांधी यहां नहीं पहुंचे, जिससे उन सभी अटकलों पर विराम लग गया कि पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद वह निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं।
सभी की निगाहें इस बात पर टिकी थी कि आखिरी दिन वरुण गांधी अपना नामांकन दाखिल करते हैं या नहीं । पिछले सप्ताह उनके प्रतिनिधि द्वारा नामांकन पत्र खरीदे जाने के बाद चर्चा तेज हो गई थी।पार्टी ने वरुण गांधी की जगह राज्य सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत सीट से उम्मीदवार बनाया है।
तीन दशकों से अधिक समय में यह पहला मौका है जब मां-बेटे की जोड़ी राज्य के तराई क्षेत्र के पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में नहीं होगी।
जितिन प्रसाद ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में इस सीट से नामांकन दाखिल किया ।
मेनका गांधी या फिर वरुण 1989 से लगातार इस सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं, लेकिन, इस बार दोनों में से कोई भी यहां से मैदान में नहीं है।
किसानों, स्वास्थ्य और नौकरियों के मुद्दों पर कई बार भाजपा की आलोचना करने वाले वरुण गांधी को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया।
टिकट नहीं मिलने के बाद ऐसी खबरें आ रही थीं कि वरुण गांधी इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। बुधवार को दिन में तीन बजे नामांकन खत्म होने से पहले वरुण गांधी के नहीं आने पर संदेह खत्म हो गया।
हालांकि उनकी मां और सुल्तानपुर से मौजूदा सांसद मेनका गांधी को भाजपा ने उसी सीट से एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है ।
पीलीभीत सीट पर 1989 से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी चुनाव लड़ते आ रहे हैं। मेनका ने 1989 में जनता दल के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की हालांकि, 1991 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा । इसके बाद 1996 में एक बार फिर जनता दल के टिकट पर वह संसद पहुंची । इसके बाद 1998 और 1999 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर निर्वाचित घोषित हुयी थी ।
मेनका ने वर्ष 2004 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर इस सीट पर जीत दर्ज की ।
मेनका के बेटे वरुण गांधी ने 2009 और 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंचे ।
भाजपा उम्मीदवार जितिन प्रसाद के नामांकन दाखिल करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा, “वरुण गांधी एक वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी जल्द ही उन्हें कोई जिम्मेदारी देगी।”
रैली में मौजूद स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “वरुण गांधी हमारे नेता हैं और पार्टी उनका इस्तेमाल किसी और जगह करेगी।”
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने पीलीभीत से भगवत सरन गंगवार को अपना उम्मीदवार बनाया है। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से अनीस अहमद खान को मैदान में उतारा है ।