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उच्चतम न्यायालय ने सांसद राणा को दी राहत, जाति प्रमाणपत्र रद्द करने संबंधी आदेश खारिज किया

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नयी दिल्ली: चार अप्रैल (ए) उच्चतम न्यायालय ने अमरावती की मौजूदा सांसद नवनीत कौर राणा को बड़ी राहत देते हुए उनका अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र बहाल कर दिया जिससे उनके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर दलितों के लिए आरक्षित महाराष्ट्र सीट से चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है।

उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के 2021 के फैसले को खारिज करते राणा का जाति प्रमाणपत्र बहाल किया।न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने राणा की याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय को राणा के जाति प्रमाणपत्र के मुद्दे पर जांच समिति की रिपोर्ट में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।उच्च न्यायालय ने आठ जून 2021 को कहा था कि राणा ने धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ‘मोची’ जाति का प्रमाणपत्र हासिल किया था।

उच्च न्यायालय ने सांसद पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और कहा था कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ‘सिख-चमार’ जाति से हैं।

राणा ने 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमरावती संसदीय सीट जीती थी। वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं और उसी निर्वाचन क्षेत्र से टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उन्हें 2019 में राकांपा का समर्थन प्राप्त था।

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