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सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार मामले में पूर्व सैन्य अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र खारिज किया

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नयी दिल्ली: 25 फरवरी (ए) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक पूर्व सैन्य अधिकारी के खिलाफ कथित बलात्कार मामले में आरोपपत्र को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह “कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग” है।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कैप्टन (सेवानिवृत्त) राकेश वालिया को राहत प्रदान करते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपपत्र को खारिज न करने का निर्णय लेकर गलती की है।वालिया ने आरोपपत्र के खिलाफ उनकी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने दलील दी कि शिकायतकर्ता की गवाही से पता चलता है कि कोई अपराध नहीं हुआ था और प्राथमिकी रद्द की जानी चाहिए।

दुबे ने कहा कि महिला एक ‘सेक्सटॉर्शन’ (यौन कृत्यों से उगाही करना) गिरोह चलाती थी और विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज कराती थी तथा उन्हें पैसे के लिए ब्लैकमेल करती थी।

उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल के विरुद्ध गलत एवं दुर्भावनापूर्ण अभियोजन चलाया गया।

दुबे ने कहा कि महिला की शिकायत पर पिछले आठ वर्षों में 63 वर्षीय याचिकाकर्ता सहित नौ अलग-अलग लोगों के खिलाफ सात अलग-अलग थानों में सात प्राथमिकियां दर्ज की गईं।

उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई 2024 को अपने आदेश में कहा कि मामला अधीनस्थ अदालत के समक्ष है, जो याचिकाकर्ता की ओर से दी गई दलीलों पर विचार करेगा और उचित फैसला सुनाएगा।

यह बात रिकॉर्ड में आई कि 2019 और 2020 के बीच कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, शिकायतकर्ता ने सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ होने का दावा करते हुए याचिकाकर्ता से संपर्क किया।

यह संपर्क उनकी पुस्तक ‘ब्रोकन क्रेयॉन्स कैन स्टिल कलर’ के प्रचार के संबंध में थी।

याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता शिकायतकर्ता की पेशकश में रुचि रखता था और उन्होंने लॉकडाउन समाप्त होने के तुरंत बाद जून 2021 में उसकी सेवा लेने का फैसला किया।

याचिका में कहा गया है कि 29 दिसंबर 2021 को याचिकाकर्ता अपनी आत्मकथा के प्रचार के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए सहमत हो गया और वे छतरपुर मेट्रो स्टेशन पर मिले, जिसके बाद वे नोएडा की ओर चले गए।

हालांकि, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि महिला को नोएडा में छोड़ने के बाद उन्हें स्थानीय पुलिस से शाम करीब छह बजे फोन आया, जिसमें उन्हें महिला की शिकायत के बारे में बताया गया और कहा गया कि महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने शाम करीब 4.15 बजे उसे नशीला पदार्थ देकर उसका यौन उत्पीड़न किया है।

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