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भाजपा ने अपने संविधान में संशोधन कर संसदीय बोर्ड को अध्यक्ष पर फैसला लेने का अधिकार दिया

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नयी दिल्ली: 18 फरवरी (ए) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अधिवेशन ने रविवार को पार्टी के संविधान में संशोधन करते हुए शीर्ष संगठनात्मक निकाय संसदीय बोर्ड को ‘आपात’ स्थितियों में अपने अध्यक्ष से संबंधित निर्णय लेने की अनुमति दे दी जिसमें उनका कार्यकाल और कार्यकाल का विस्तार शामिल है।

पार्टी के महासचिव सुनील बंसल ने इस आशय का प्रस्ताव रखा था।

भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के आखिरी दिन संविधान में बदलाव का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव पार्टी महासचिव सुनील बंसल की ओर से पेश किया गया। पार्टी के मौजूदा संविधान के अनुसार, कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। राज्य भाजपा संगठन का चुनाव जिला निकायों आदि के चुनावों पर भी निर्भर है।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी जब विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त रहती है तो आंतरिक चुनावों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना कठिन होता है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि पार्टी ने संशोधन के पीछे विवरण और वजह के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। लेकिन, सूत्रों ने कहा कि इसका ताल्लुक उसके अध्यक्षों की भविष्य की नियुक्तियों से हो सकता है।

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