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अदालत ने सात महीने की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को मृत्युदंड सुनाया

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कोलकाता: 18 फरवरी (ए) कोलकाता की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने मंगलवार को उत्तरी कोलकाता में सात महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के प्रयास के दोषी व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई।

बैंकशाल में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अदालत ने सोमवार को व्यक्ति को शहर के बुरटोला इलाके से उसकी गिरफ्तारी के 75 दिन के भीतर बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया। बचाव पक्ष के वकील और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी वकील की अंतिम दौर की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सजा की घोषणा की।सरकारी वकील ने यह तर्क देते हुए मृत्युदंड की प्रार्थना की कि अपराध ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ मामले की श्रेणी में आता है। पश्चिम बंगाल की अदालतों में पिछले छह महीने में सातवीं बार मौत की सजा सुनाई गई है। नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो अधिनियम के तहत इस अवधि में छठी बार मौत की सजा सुनाई गई है।

न्यायाधीश इंद्रिला मुखर्जी ने राजीव घोष को भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2), 140 (4), 137 (2) और 118 तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी पाया। दोनों अधिनियमों की पहली और आखिरी धाराओं के तहत दोषी को अधिकतम सजा के रूप में फांसी की सजा का प्रावधान है।

पिछले साल 30 नवंबर को अपराध करने वाले घोष को 5 दिसंबर की सुबह झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने मामले में अपना पहला आरोप पत्र 30 दिसंबर को दाखिल किया और कुछ दिन बाद पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।

विशेष लोक अभियोजक बिभास चटर्जी ने सोमवार को बताया कि सड़क किनारे झुग्गी में रहने वाली बच्ची का अभी यहां सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है।

चटर्जी ने कहा कि 7 जनवरी को शुरू हुई सुनवाई प्रक्रिया पूरी होने में महज 40 दिन लगे।

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