संभल (उप्र): 30 दिसंबर (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में संभल पहुंच कर पिछले माह हुई हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक वितरित किए। पार्टी ने यह जानकारी दी।
इस दौरान पांडेय ने पुलिस पर मुसलमानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया।पुलिस के मुताबिक, संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के दूसरी बार सर्वेक्षण के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
पांडेय ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को आज लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पांच-पांच लाख रुपये के चेक वितरित किए तथा उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस मौके पर पांडेय ने पत्रकारों से कहा कि हिंसा में कुछ लोग मारे गए थे जिनके परिजनों को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी और वह इसी राशि के चेक मृतकों के परिजनों को देने आए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के प्रति संवेदनशील नहीं है और यह सिर्फ (अंडरवर्ल्ड डॉन) दाऊद इब्राहिम को जानती है, लेकिन देश की सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर अब्दुल हमीद और ब्रिगेडियर उस्मान को नहीं जानती है।
पांडेय ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ”इनके मन में सद्भावना नहीं है, यह जातीय विषमता पैदा करके, हिंदू मुस्लिम में तनाव पैदा कर रहे हैं।”
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि सरकार चाहती है कि लोगों में इतनी दूरी व खटास पैदा कर दें, जिससे उनकी राजनीति सफल हो सके।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस यहां बड़े पैमाने पर उत्पीड़न की कार्यवाही कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार झूठी बातों का ज्यादा प्रचार करती है।
संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सपा के प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने से रोक दिया गया था।
बाद में माता प्रसाद पांडेय ने लखनऊ में अपने आवास के बाहर संवाददाताओं को बताया था “ गृह सचिव ने मुझे फोन कर संभल नहीं जाने का अनुरोध किया था। संभल के जिलाधिकारी ने भी मुझे फोन कर बताया कि जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक 10 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसलिए मैं अब पार्टी कार्यालय जाऊंगा और इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा।”संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार किये गये सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बन गयी थी।
अदालत ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था।
पिछले 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 से ज्यादा जख्मी हो गये थे।