नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (ए)। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री (यूटी डिवीजन) ने सोमवार को बताया कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज 1990 बैच के आईएएस अधिकारी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तत्कालीन मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कानून के मुताबिक संबंधित अधिकारी के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अग्निहोत्री ने आगे कहा, केंद्र सरकार अपने अधिकारियों के अनुशासनहीन कृत्यों के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे रैंक कुछ भी हो। अंडमान और निकोबार पुलिस की एसआईटी द्वारा आपराधिक मामले में एक अलग से प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
इससे पहले शनिवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की पुलिस द्वारा जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। इक्कीस वर्षीय युवती ने पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और श्रम आयुक्त आर.एल. ऋषि पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस ने अक्तूबर की शुरुआत में युवती की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।
एबरडीन पुलिस थाने में यह मामला दर्ज किया गया है। नारायण के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में शनिवार को विशेष जांच दल का गठन किया गया। नारायण अभी दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात हैं।
मामले को लेकर आईएएस अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि यह मामला विचाराधीन है। महिला ने 21 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने दो बार अप्रैल और मई में अपने ऊपर हुए कथित यौन हमले का विस्तृत विवरण दिया था। महिला ने सबूत के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव के आवास के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का अनुरोध किया था। उन्होंने अधिकारी के आवास पर मौजूद कर्मचारियों के ‘टेस्ट आइडेंटिफिकेशन पेरेड’ का भी अनुरोध किया है।