नयी दिल्ली: 11 मार्च (ए) पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में एजीसीआर एन्क्लेव के पास अस्थायी रूप से बने एक तंबू में भीषण आग लग गई, जिसमें जलकर तीन लोगों की मौत हो गई। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को इस घटना के संबंध में सोमवार रात दो बजकर 22 मिनट पर सूचना मिली, जिसके बाद दमकल के तीन वाहनों को घटनास्थल पर भेजा गया।अधिकारी ने बताया कि आग पर रात दो बजकर 50 मिनट पर काबू पा लिया गया।अग्निशमन सेवा के अधिकारी फिरोज ने रात तीन बजकर 10 मिनट पर तंबू के अंदर से तीन लोगों के जले हुए शव बरामद किए जाने की पुष्टि की।
पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, मृतकों की पहचान जग्गी (30) के अलावा श्याम सिंह (40) और कांता प्रसाद (35) इन दो भाइयों के रूप में हुई है। ये सभी उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के निवासी थे, जो यहां श्रमिक के तौर पर कार्य करते थे।
उसने बताया कि आग लगने के कारण दम घुट जाने से तीनों की मौत हो गई।
बयान में कहा गया कि मृतक और एक अन्य मजदूर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) में काम करते थे और मंगलम रोड पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) प्लॉट के पास स्थित अस्थायी तंबू में रहते थे।
बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने टेंट में रोशनी के लिए डीजल से जलने वाली एक छोटी डिब्बिया का इस्तेमाल किया और उसे कथित तौर पर कूलर स्टैंड पर रख दिया। जीवित बच गए नितिन ने बताया कि लगभग दो बजे श्याम सिंह की नींद खुली और उसने आग की लपटें देखी, और फिर दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा। जैसे ही आग की लपटें तेज हुई, नितिन भागने में सफल रहा, लेकिन अन्य तीन फंस गए और आग की लपटों में घिर गए।’’
तंबू के अंदर गैस सिलेंडर भी फट गया, जिससे आग और भड़क गई।
बयान के अनुसार, अधिकारियों को संदेह है कि डीजल कंटेनर के कारण आग लगी होगी, हालांकि आग लगने के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया गया है। उसने बताया कि नितिन के अलावा श्याम सिंह और कांता प्रसाद के पिता रामपाल के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।