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12 घंटे के अभियान के बाद पकड़ा गया बाघ, 91वें दिनों की तलाश खत्म

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लखनऊ: छह मार्च (ए) उत्तर प्रदेश के लखनऊ में महीनों तक वन अधिकारियों को चकमा देने वाले बाघ को आखिरकार 12 घंटे के अभियान के बाद पकड़ लिया गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह अभियान 91वें दिन तक जारी रहा।अधिकारियों ने बताया कि महीनों तक लखनऊ के बाहरी इलाके में ग्रामीणों और अधिकारियों को परेशान करने वाले इस बड़े बाघ को बुधवार शाम को पकड़ा गया। प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने बताया, “200 किलोग्राम वजनी चार वर्षीय नर बाघ की लंबाई लगभग 10 फुट है।”लखनऊ के बाहरी इलाके में रहने वाले ग्रामीणों ने पिछले वर्ष चार दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि बाघ ने 24 जानवरों को मार दिया है, जिसमें अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर चारे के रूप में रखे गए सात जानवर भी शामिल हैं।

बाघ की लगातार मौजूदगी के कारण रहमानखेड़ा और आसपास के गांवों के लोग चिंतित और भयभीत थे।अधिकारियों ने बताया कि किसान और पशुपालक विशेष रूप से प्रभावित हुए क्योंकि बाघ उनकी आजीविका के लिए सीधा खतरा बन गया था।

उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से सुरक्षा चिंताओं के कारण लगभग 30 विद्यालयों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अधिकारियों के मुताबिक, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग और स्थानीय पुलिस के साथ प्रभावित गांवों में पीएसी कर्मियों को तैनात किया गया था।

उन्होंने बताया कि बाघ से सुरक्षा प्रदान करने के अलावा वन विभाग ने 11 प्रधानों को जागरूकता बढ़ाने और समुदाय को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने का काम सौंपा।

अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान में वन अधिकारियों की एक व्यापक टीम शामिल थी।

वन अधिकारियों ने बताया कि कैमरा ट्रैप, एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे और ‘नाइट विजन’ और ‘थर्मल सेंसर’ से लैस दो ड्रोन सहित कई तरह के उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया।

चौधरी ने बताया कि बाघ को दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के उत्तरी हिस्से में छोड़े जाने की संभावना है।

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