नयी दिल्ली: 24 दिसंबर (ए) दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में स्कूल के दो रिक्शा चालकों को 20-20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने कहा कि दोषियों ने लड़की की रक्षा करने के बजाय उसकी मासूमियत का फायदा उठाया।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बलविंदर सिंह ने दोनों दोषियों को किसी भी तरह की रियायत देने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों अपने ‘‘घृणित कृत्यों’’ की प्रकृति और परिणामों को अच्छी तरह से समझते थे।
अदालत शेख राशिद (35) और गणेश (46) के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन्हें भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 और 10 के तहत दोषी ठहराया गया था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक परेश सिसोदिया ने दोषियों को अधिकतम सजा देने का अनुरोध करते हुए कहा कि फरवरी 2017 में मामला दर्ज होने से पहले उन्होंने एक मासूम बच्ची के साथ बार-बार यह अपराध किया था।
अदालत ने छह नवंबर को दिए अपने आदेश में कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता और सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए न्याय का उद्देश्य तभी पूरा माना जाएगा जब दोनों दोषियों को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत किए गए अपराध के लिए 20-20 साल के सश्रम कारावास (आरआई) की सजा सुनाई जाएगी।’’
अदालत ने नाबालिग को 1.25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।