सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर कमांडर समेत दो आतंकी ढेर, सेना के जवान की भी मौत

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राजौरी/जम्मू, 23 नवंबर (ए) जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गये, इसमें सुरक्षा बल के एक जवान को भी जान गंवानी पड़ी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी ।.

सेना के जवान की आज हुयी मृत्यु के बाद धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में हुई इस मुठभेड़ में जान गंवाने वाले सुरक्षा बल के जवानों की संख्या बढ़ कर पांच हो गयी है, जिसमें दो कैप्टन भी शामिल हैं ।.अधिकारी ने बताया कि रात भर के विराम के बाद आज सुबह गोलीबारी फिर से शुरू हो गई, जिसमें दोनों आतंकवादी मारे गये । उन्होंने बताया कि आतंकवाद निरोधक अभियान में एक सैनिक को भी जान गंवानी पड़ी ।

अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मदद से इलाके की घेराबंदी कर दी गयी और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकी घने जंगली इलाके की ओर न भाग सकें।

इससे पहले दिन में, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि लश्कर का एक कमांडर तथा पाकिस्तानी आतंकवादी मुठभेड़ में मारा गया है और उसकी पहचान क्वारी के तौर पर की गयी है । वह पाकिस्तान का नागरिक है और कुख्यात आतंकवादी है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उसे पाकिस्तान और अफगान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया था। वह लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकियों में शुमार था ।’’

पुलिस ने बताया कि लश्कर का शीर्ष कमांडर क्वारी पिछले एक साल से अपने समूह के साथ राजौरी-पुंछ क्षेत्र में सक्रिय था। उन्होंने यह भी बताया कि मारा गया आतंकी डांगरी और कंडी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।

प्रवक्ता ने कहा कि क्वारी को क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए भेजा गया था और वह परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बनाने में माहिर था।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गये दूसरे आतंकी की पहचान की जा रही है ।

बुधवार को बाजीमाल इलाके में हुई मुठभेड़ में सेना के चार जवानों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि दो घायल हो गये थे ।

मुठभेड़ के दौरान घायल हुये दो जवानों – एक मेजर और एक जवान- को उधमपुर स्थित सेना के कमांड अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है।

इसमें जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है उनमें कर्नाटक के रहने वाले 63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एम वी प्रांजल, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के रहने वाले विशेष बल के कैप्टन शुभम, जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के रहने वाले विशेष बल के हवलदार अब्दुल माजिद, और उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट शामिल हैं ।

‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर रविवार को राजौरी के गुलाबगढ़ जंगल के कालाकोट इलाके में संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।

इस बीच, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन शुभम गुप्ता के जान गंवाने पर उनके पैतृक शहर आगरा में शोक की लहर फैल गयी।

कैप्टन शुभम के जान गंवाने की खबर फैलने पर उनके शुभेच्छु, गणमान्य लोग और पड़ोसी शोक व्यक्त करने उनके घर पर पहुंचे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैप्टन शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

आगरा के लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए फतेहपुर सिकरी (आगरा ग्रामीण) के सांसद राजकुमार चहार और अन्य स्थानीय नेताओं के साथ उनके घर पहुंचे।

शुभम 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। उन्हें 2018 में कमीशन मिला था। उनकी पहली तैनाती ऊधमपुर में हुई थी।

अविवाहित गुप्ता छह महीने पहले आगरा आए थे और परिवार के साथ उन्होंने 26 वां जन्मदिन मनाया था।

यहां प्रतीक एन्क्लेव में रहने वाले कैप्टन शुभम के पिता जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता की आंखें नम और गला भरा हुआ था।

उनका कहना है कि दो दिन पहले बेटे से बात हुई थी, तब उसने बताया था, ‘‘मैं एक बड़े मिशन पर हूं। मिशन पूरा होने के बाद मैं शादी कर लूंगा।’’

बसंत गुप्ता ने कहा, ‘‘मैं जब भी बेटे से कहता था कि अब शादी कर लो तो वह कहता था कि बड़ा काम है, पूरा होने के बाद शादी करुंगा। ’’

कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर कल यानी शुक्रवार को आगरा लाये जाने की उम्मीद है। उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव कुआं खेड़ा में होगा।