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मस्जिद में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के मामले में दो लोगों के खिलाफ आरोप खारिज

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बेंगलुरु: 16 अक्टूबर (ए) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दक्षिण कन्नड़ जिले के उन दो व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही खारिज कर दी है, जिन पर एक मस्जिद के भीतर ‘‘जय श्री राम’’ के नारे लगाने का आरोप था।

यह मामला 24 सितंबर, 2023 का है, जब दो व्यक्तियों ने ऐत्तूर गांव की एक मस्जिद में कथित तौर पर प्रवेश किया और नारे लगाए। इसके बाद हैदर अली सी. एम नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी।मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने सवाल उठाया कि ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाने को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य कैसे माना जा सकता है?

न्यायाधीश ने एक मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया और कहा कि जिस कार्यवाही से शांति या सार्वजनिक व्यवस्था बाधित नहीं होती है, उसे लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।

शिकायत के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में दोनों व्यक्तियों को 24 सितंबर, 2023 को देर रात मस्जिद के आसपास बाइक चलाते और नारे लगाते देखा जा सकता है।

शिकायत में इस बात पर जोर दिया गया कि इस क्षेत्र में हिंदू और मुसलमान सद्भावना से रहते आए हैं और आरोपियों की हरकतें सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने की कोशिश थीं।

शिकायत के बाद कीर्तन कुमार और एन. एम. सचिन कुमार पर आईपीसी की धाराओं 447, 295 ए, 505 और 506 के तहत विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया गया था।

अभियुक्तों ने हालांकि आरोपों का विरोध करते हुए दलील दी कि इन अपराधों के लिए कोई भी कानूनी आवश्यकता पूरी नहीं की गई थी।

अदालत ने बचाव पक्ष की दलील से सहमति जताते हुए आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं पाया। अदालत ने कहा कि मस्जिद में प्रवेश करना, जो एक सार्वजनिक स्थान है, कानून के तहत आपराधिक घुसपैठ नहीं माना जा सकता।

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