लखनऊ, चार जुलाई (ए) सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘चाचा शिवपाल जहां से जलील हुए खुद अपना वजूद मिटाकर वहीं चले गये।’’ .
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के पुत्र एवं पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने मंगलवार को शिवपाल के बयान पर पलटवार करते हुए ट़वीट किया, ‘‘चाचा श्री शिवपाल यादव जी अपना एक पीएसपीएल (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम की दुकान खोलकर बैठे थे, चल नहीं पायी तो बंद कर दिये, खुद वजूद अपना मिटाकर जहां से जलील हुए वहीं चले गये।” राजभर ने अपने सिलसिलेवार ट़वीट में कहा, ‘‘जब तक सपा में नहीं शामिल हुए थे चाचा श्री शिवपाल यादव जी, तब तक सपाई उनको भाजपा का ‘बी टीम’ ही मानते थे और सम्मान दूसरे जगह दिलाने के लिए चिट्ठी लिखते थे, जिस सम्मान को लेने गये आज तक वह सम्मान नहीं मिल पाया, न मिलेगा।” इसी ट़वीट में राजभर ने समाजवादी पार्टी का पिछले वर्ष 22 जुलाई का एक ज्ञापन भी साझा किया जिसमें राष्ट्रपति चुनाव के बाद चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव- अखिलेश यादव) के बीच टकराव तेज होने के बाद सपा ने ज्ञापन जारी करके कहा था ‘‘माननीय शिवपाल सिंह यादव जी अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।” उन दिनों चाचा-भतीजा के बीच काफी टकराव था, लेकिन सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों के बीच मतभेद खत्म हुए। दोनों में नजदीकी बढ़ी और मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के चुनाव प्रचार में जमकर मेहनत की। डिंपल रिकार्ड मतों से जीत गयीं। इसके बाद शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में कर दिये। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर से वह सपा के चिह्न पर ही विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं। .