उप्र बजट: पुलिस विभाग को मजबूत करने के लिए 2260 करोड़ रुपये का प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश लखनऊ
Spread the love

लखनऊ, 22 फरवरी (ए) उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किये गये बजट में पुलिस विभाग को मजबूत करने के लिए 2260 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने साथ ही दावा किया कि 2016 (पिछली समाजवादी पार्टी के सरकार) की तुलना में राज्य में अपराध में भारी कमी आई है। राज्‍य सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए 2260 करोड़ रुपये की धनराशि दी है। इससे जहां पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी आवास की सुविधा मिलेगी, वहीं विभिन्न जिलों के कमिश्नरेट कार्यालय अपनी भूमि पर संचालित होंगे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को सुरक्षित माहौल देने, कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के साथ पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।.

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करके उन्हे सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति योगी सरकार निरन्तर प्रयासरत है।.

बजट में प्रदेश के विभिन्न शहरों (लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज) में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कार्यालय और कार्यालय से जुड़ी अन्य गतिविधियों के संचालन के लिए 850 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में सबसे बड़ी धनराशि पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए दिये हैं। पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा देने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शहरी क्षेत्रों में आवासीय सुविधा के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

खन्ना ने बताया कि प्रदेश में आपदाओं से निपटने वाली एसडीआरएफ (राज्य अपादा मोचन बल) को नये वाहनों की खरीद के लिए 10 करोड़ की धनराशि दी गई है ताकि वह और मजबूती से आपदा से निपट सकें।

विधानसभा में राज्य का बजट पेश करते हुए खन्ना ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पुलिस बल को प्रभावी तरीके से कानून व्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2022 में अपराध की घटनाओं में कमी देखी गई है।

उन्होंने दावा किया कि जनवरी 2022 से नवबंर तक वर्ष 2016 के सापेक्ष डकैती में 79.83 प्रतिशत, लूट में 63.49 प्रतिशत, हत्या में 33.89 प्रतिशत, बलवा में 53.22 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण में 44 प्रतिशत की कमी आयी है।

खन्ना के मुताबिक उपरोक्‍त अवधि में महिलाओं के खिलाफ घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.24 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है।

उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर अपराध पुलिस थाना की स्थापना की गयी है। प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना कराई जा रही है।

वित्तमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पालन के दौरान शहीद, मृत पुलिस कर्मियों एवं केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों/अन्य प्रदेशों के अर्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुए उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।