उप्र के कैबिनेट मंत्री को अब पुलिस के एसटीएफ से खतरा, लगाया राजनीतिक चरित्र हनन का आरोप

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: एक जनवरी (ए) उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने खुद को राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से खतरा बताते हुए कहा है कि ‘सामाजिक न्याय की जंग’ में उनके साथ किसी तरह का षड्यंत्र या दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी एसटीएफ की होगी।

प्राविधिक शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री पटेल ने पदोन्नति में भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगाकर राजनीतिक चरित्र हनन किए जाने का भी इल्जाम लगाया और पूछा कि अगर वाकई कोई गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए सिर्फ उन्हें ही क्यों दोषी करार दिया जा रहा है। उनके मुताबिक, इसी से जाहिर होता है कि यह सब षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है।पटेल ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी एवं तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है ।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है और फिर कह रहा हूँ कि माननीय मुख्यमंत्री यदि उचित समझें तो मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं।’

पटेल ने कहा, ‘अगर उचित समझा जाए तो मेरी तथा मेरी पत्नी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल जी के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच कराई जाए।’

उन्होंने अपने खिलाफ षड्यंत्र को सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने की साजिश करार देते हुए कहा, ‘पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों की परेशानी का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी। पोस्ट के साथ संलग्न पदोन्नति की वर्गवार सूची देखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा।’

पटेल ने इसी पोस्ट में राज्य पुलिस की एसटीएफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ‘यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र/ दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल की होगी।’इन आरोपों को लेकर समाचार एजेंसी’ से हुई बातचीत में एसटीएफ पर गंभीर इल्जाम लगाने के आधार के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, ‘अगर राज्य सरकार का कैबिनेट मंत्री कुछ कह रहा है तो उसका कोई आधार तो होगा ही।’

पटेल ने कहा, ‘प्रमुख सचिव ने विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की और मैंने मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर भी पत्रावली दिखाई यानी यह मामला उच्च स्तर पर संज्ञान में है।’

उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘उन राजनीतिक षडयंत्रकारियों से मेरा सवाल है कि पदोन्नति प्रक्रिया में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है लेकिन अगर उनकी बात को तवज्जो दे भी दी जाए तो भी सिर्फ मंत्री ही क्यों दोषी है? बाकी लोग क्यों छूट जा रहे हैं? तब तो प्रमुख सचिव समेत सिस्टम के सभी लोग दोषी हुए। उनका नाम क्यों नहीं लिया जा रहा है? बार-बार मंत्री का नाम घसीटने के पीछे कारण क्या है?’

सिराथू से समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता पल्लवी पटेल ने हाल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर हुई नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।

पल्लवी ने आरोप लगाया था कि मौजूदा सेवा नियमावली की जगह पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती कर घोटाला किया गया है। इस मामले को लेकर वह विधानसभा में धरने पर भी बैठी थीं।