गोरखपुर, 19 मार्च (ए)। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन की सरकार चुनी है। जनता की विजय श्री का ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा। हमेशा कायम रहेगा। सीएम ने कहा कि दो साल में पहली बार होली पर कोरोना नियंत्रण में है और हमें इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने का अवसर मिला है। सीएम ने हिरण्यकश्यप का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वरीय सत्ता, राष्ट्र की सत्ता को चुनौती देना, सामान्य नागरिकों की भावनाओं का निरादर करना हिरण्यकश्यप और होलिका की प्रवृति हो सकती है लेकिन सामान्य जनमानस तो भक्त प्रह्लाद के रूप में जब भी अपनी राष्ट्र अराधना के मार्ग पर चलता है तो नरसिंह भगवान उसका सहभागी बनने के लिए जरूर प्रकट होते हैं। सीएम ने कहा कि भक्त प्रह्लाद विजयी हए थे। 2022 के चुनाव में आप सब विजयी हुए हैं। आगे भी जब आप ऐसे ही सात्विक मार्ग पर आगे बढ़ेंगे तो विजय श्री को आपसे कोई नहीं छीन सकता।
सीएम योगी होली पर हर साल गोरखपुर के घंटाघर से निकलने वाली पारंपरिक नरसिंह शोभा यात्रा में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यूपी के लोग पिछले 10 दिनों से होली के उत्साह से जुड़े हुए हैं। कई कारणों से ये पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश के अंदर सबसे ज्यादा आबादी के राज्य यूपी में लोकतंत्र के महापर्व के आयोजन के बाद जनता जनार्दन ने आप सबके परिश्रम से जो परिणाम दिया है, उसने एक बार फिर से राष्ट्रवाद और सुशासन के लिए इस सरकार को चुना है। स्वाभाविक रूप से हर देशभक्त नागरिक के मन में अन्याय, अत्याचार, शोषण और अराजकता के खिलाफ लड़ने की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति के मन में उमंग और उत्साह है।
उन्होंने कहा कि ये पर्व और त्योहार गोरखपुर के लिए और भी महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आजादी के बाद पहली बार भाजपा ने यहां की नौ की नौ सीटें जीती हैं। राष्ट्रवाद की मुहर लगी है। यूपी के अंदर 18 कमीश्नरी है। गोरखपुर कमीश्नरी ने 28 में से 27 सीटें राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने के लिए दी हैं। होली की परम्परा का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा होलिका हों या हिरण्यकश्यप किसी न किसी रूप में समाज के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं। इसी तरह किसी न किसी रूप में भक्त प्रह्लाद और नरसिंह भगवान भी अपनी उपस्थिति किसी न किसी रूप में समाज में दर्ज करते रहे हैं। ये पर्व और त्योहार हमें संदेश देते हैं, अच्छे मार्ग पर चलने की। यदि भक्त प्रह्लाद अपनी बुआ का कहना मानकर भक्ति मार्ग से विचलित हो जाते तो संभवत: भक्त प्रह्लाद का स्मरण होली जैसे पावन पर्व पर हम नहीं कर पाते। सीएम ने कहा कि होली भेदभाव रहित, समतामूलक समाज का प्रतीक है।