लखनऊ,11 जून (ए )। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है।
इस नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं।।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 42 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
एक बयान के मुताबिक कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्रावधानों का अनुसरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में सात वर्ष और जनपद में तीन वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे।
उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटाइज किया जा सकेगा।
बयान के मुतबिक, कैबिनेट ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई या एक जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी में मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दो महीने में सभी परियोजनाओं को पूरा कर दिया जाएगायोगी कैबिनेट ने जिन अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी उसमें निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी। विवि के नाम से राज्य हटा कर नाम छोटा कर दिया गया है। मुरादाबाद विवि का नाम गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय किया गया है। इसके अलावा बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में तैयारियों के मद्देनजर 2019 की तुलना में 2025 में 3200 हेक्टेयर की तुलना में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। नोएडा में 500 बेड के अस्पताल को मंजूरी मिली। इसका निर्माण 15 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। योगी कैबिनेट के फैसले के अनुसार आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नालॉजी बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार हर साल 10 करोड़ रुपये देगी। इस तरह पांच साल में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शेष मदद केंद्र से आएगी। बात नई तबादला नीति की कि जाये तो इसके तहत प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिक हटाए जाएंगे। पिक एंड चूज की व्यवस्था खत्म होगी। जो ज्यादा पुराना होगा, वह पहले हटेगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।