संभल: 26 नवंबर (ए) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद परिसर में रविवार को सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के तीसरे दिन मंगलवार को हालात में सुधार देखने को मिला और स्कूल खोल दिये गये।
इस हादसे से उबरने की कोशिश में जुटे हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग घटना को भूलकर अब संभल को विकास की राह पर ले जाने और सामाजिक सदभाव व आपसी एकता पर जोर दे रहे हैं।संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हालत खराब हो गये और पत्थरबाजी व आगजनी की घटना में चार लोगों की मौत हो गयी।
इस घटना में करीब 20 लोग घायल भी हुए थे।
पुलिस ने इस संबंध में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया था और इस दौरान बाजार बंद रहे थे हालांकि कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं।
मंगलवार सुबह स्थिति सामान्य होती नजर आई।
संभल जिले में इंटरनेट सेवा मंगलवार को भी बंद रही, जिस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया, “संभल में स्थिति सामान्य और दुकानें खुली हैं। जिस इलाके में हिंसा भड़की थी वहां कुछ दुकानें बंद हैं लेकिन बाकी जगहों पर दुकानें खुली रहीं और कहीं कोई तनाव नहीं दिखा।”
सिंह ने कहा, “सुरक्षा बल तैनात हैं और स्थिति नियंत्रण में है। रोजमर्रा की दिनचर्या सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है।”
हिंसा को लेकर कानूनी कार्रवाई के संदर्भ में आयुक्त ने बताया कि पुलिस सबूत जुटाने में लगी हुई है, कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और भविष्य में और भी दर्ज की जा सकती हैं।
उन्होंने अफवाह फैलाने और आगजनी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
आयुक्त ने बताया, “स्थानीय सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे पर भी भीड़ को भड़काने का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है।”
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने बताया कि पुलिस तैनात और मंगलवार को संभल में कहीं से भी कोई अप्रिय खबर नहीं आई।उन्होंने बताया, “सामान्य स्थिति बहाल हो रही है।, दुकानें खुल रही हैं, कोई समस्या नहीं है।”
मुनिराज ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 25 है जबकि हिंसा के संदिग्धों की पहचान के लिए जांच जारी है।
शांति समिति के सदस्य और अखिल भारतीय व्यापार मंडल के नेता हाजी एहतेशाम ने कहा, “यह सब बाहर के लोगों द्वारा किया गया है और जो भी हुआ बहुत गलत हुआ है।”
एहतेशाम ने कहा “हम सब इन सब बातों को भूलकर एक बार फिर शांति की राह पर लौटेंगे।”
वहीं सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा ने कहा, “इस तरह की घटना से माहौल खराब होता है। संभल में सभी लोग आपस में मेल जोल करके फिर सांप्रदायिक सौहार्द बनाएंगे।”
व्यापारी दीपक कुमार ने कहा, “यहां तो शुरू से अमन चैन रहा है, पता नहीं उस दिन ऐसा क्या हुआ जो इतना बड़ा बवाल हुआ। इन सबसे से आर्थिक नुकसान भी होता है।”
कुमार ने कहा, “अब स्थिति सामान्य है, मैने दुकान भी खोली है और जल्द ही फिर सम्भल पहले जैसा हो जाएगा। मेरे भी कई दोस्त मुस्लिम समुदाय से है और भाईचार को आगे बढायेंगे।”
नारी उत्थान समिति की अध्यक्ष सीमा आर्य ने कहा कि मुस्लिम समाज को भी सोचना चाहिए कि यह अदालत के आदेश से सर्वे हो रहा है फिर इतना आक्रोशित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरे भी मुस्लिम समाज में संबंध है, मित्रता है लेकिन आत्मसम्मान पहले होता है अब शांति है।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ड्रोन, सीसीटीवी और मोबाइल के वीडियो खंगाल रही है तथा उपद्रव करने वालों को चिह्नित कर रही है ताकि उन्हें पकड़ा जा सके।
उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है, जिसमें संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क और संभल विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल सहित 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने सोमवार रात पत्रकारों को बताया कि जिन लोगों ने नुकसान किया है उनसे एक-एक पाई वसूली जाएगी।
उन्होंने बताया कि संभल में पुलिस ने सिर्फ ‘प्लास्टिक बुलेट’ का इस्तेमाल किया और पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई।
अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ये बात साबित हुई है।उन्होंने बताया कि संभल में पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है, जगह जगह चौराहों पर पुलिस बल तैनात है और कई जगह त्वरित प्रतिक्रिया बल भी तैनात है।
संभल के जिलाधिकारी ने जिले में बाहरी व्यक्तियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर 30 नवंबर तक रोक लगाई हुई है ताकि संभल के हालत जल्द सामान्य हो पाए।
संभल की स्थिति सामान्य नजर आ रही है जबकि घटना स्थल के नजदीक सन्नाटा सा पसरा हुआ है।
नगर विधायक के पुत्र सोहेल इकबाल ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि वह हिंसा वाली जगह पर मौजूद नहीं था और उसने मामले में खुद को निर्दोष बताया।
उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
इकबाल को मामले में आरोपी बनाया गया है।
इकबाल ने कहा, “मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे संभल में शांति भंग हो। हम प्यार फैलाने और लोगों की सेवा करने में विश्वास करते हैं। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मेरा नाम इसमें शामिल किया गया है जबकि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैंने कोई नफरत फैलाने वाला भाषण दिया है।”